नाव के सहारे बच्चे और शिक्षक

भागलपुर। बाढ़ (children and teachers) के पानी में बढ़ोतरी होने से संतनगर प्राथमिक विद्यालय भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। स्कूल में जाने के लिए नाव ही आखिरी सहारा है। स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि पिछले दो-तीन दिन से वे सभी शिक्षक और बच्चे इसी नाव के सहारे (children and teachers) रोजाना स्कूल जा रही हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे स्कूल जाने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
साथ ही जान का खतरा भी लग रहा है। प्राथमिक विद्यालय सबौर के छात्र और शिक्षक एक ही नाव के सहारे स्कूल की ओर जाते दिखे। भागलपुर जिले में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण जिले में दो महीने के भीतर दूसरी बार बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शिक्षक बताते हैं कि डर तो लगता है। लेकिन जब भी पानी आता है। हमें ऐसे ही जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बच्चों की परीक्षा होने वाली है। इसीलिए स्कूल भी बंद नहीं किया गया है।