श्रावस्ती से शुरू किया प्रदेशव्यापी स्कूल चलो अभियान !!
लखनऊ – Chief Minister Yogi Adityanath ने अपने दूसरे कार्यकाल में School Chalo Campaign को मिशन के रूप में लिया है। उनका लक्ष्य साक्षरता दर में पिछड़े जिलों को मुख्यधारा में लाने का है। इसी क्रम में उन्होंने साक्षरता दर में सबसे पिछड़े जनपद श्रावस्ती से प्रदेशव्यापी स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया। Chief Minister Yogi Adityanath ने अपनी दूसरी पारी में प्रदेश की प्राइमरी तथा बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ ही सभी जिलों में सारक्षता दर को आगे बढ़ाने की मुहिम छेड़ दी है।
Minister Yogi Adityanath ने सोमवार को प्रदेश के सबसे कम साक्षरता दर वाले श्रावस्ती जिले से राज्य भर में स्कूल चलो अभियान शुरू किया। इनका लक्ष्य श्रावस्ती के साथ प्रदेश के अन्य पिछड़े जिलों को सारक्षरता की मुख्यधारा में लाने का है।
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Chief Minister Yogi Adityanath ने श्रावस्ती में इकौना के जयचंदपुर कटघरा गांव में बेसिक स्कूल से स्कूल चलो अभियान को गति दी। यहां पर मुख्यमंत्री का करीब एक घंटे का कार्यक्रम था। उनके साथ बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
दस बजे प्राथमिक विद्यालय जयचंदपुर कटघरा से उन्होंने प्रदेश व्यापी स्कूल चलो अभियान को फ्लैग आफ किया। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब दो वर्ष तक स्कूल जाने के वंचित रहे बच्चों की चहक एक बार फिर से स्कूलों में गूंजने लगी।
प्रदेश में सोमवार से सभी स्कूलों में बच्चों ने नए शैक्षिक सत्र में नई कक्षा में प्रवेश लेने के साथ ही नए कलेवर में पढ़ाई प्रारंभ की।
सीएम योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की हालत में काफी सुधार हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में भी प्रवेश बड़ी संख्या में हो रहे हैं।
सरकारी स्कूलों के प्रति भी अभिभावकों का रुझान काफी बढ़ा है। उनका निर्देश है कि सिर्फ जनप्रतिनिधि ही नहीं, अफसर भी प्राइमरी तथा बेसिक स्कूलों को गोद लें।
Chief Minister Yogi Adityanath के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह वृहद अभियान पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक तौर पर चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण बच्चों के दो वर्ष शैक्षिक स्तर पर कमजोर रहे जिसे आगे गति देने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।
सरकार ने भी स्कूल चलो अभियान के लिए श्रावस्ती का चयन इसी कारण से किया है, क्योंकि यहां पर सबसे कम साक्षरता दर है। श्रावस्ती के बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर का नंबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाए और राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के सभी लक्ष्यों को हासिल करना चाहिए, जिसका उद्देश्य स्कूलों को नया रूप देना है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों को छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। अभियान के तहत छात्रों को वर्दी और जूते और मोजे उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को सरकारी स्कूलों के परिवर्तन के लिए पूर्व छात्रों (सरकारी स्कूलों के) और निजी फर्मों के साथ सहयोग करने का अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने इस अभियान के लिए कमर कसने और सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को भी निर्देश जारी किया है।
स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत कम साक्षरता वाले जिलों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा गया है कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और राज्य के प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अभियान की तैयारी के क्रम में उच्च अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए थे कि अध्यापक घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।
स्कूल चलो अभियान के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। सभी विधायकगण एक-एक विद्यालय को गोद जरूर लें। इसके साथ ही अधिकारी भी स्कूलों को गोद लें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि शिक्षकों की तैनाती से लेकर बुनियादी सुविधाओं का समयबद्ध अभियान चलाया जाए। हर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती