मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का किया निरीक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को जनपद सिद्धार्थनगर में हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील डुमरियागंज के विकासखण्ड भनवापुर परिसर में बाढ़ प्रभावितों का कुशलक्षेम पूछा और उनसे संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर माह में भारी बारिश के कारण जनपद सिद्धार्थनगर की जनता को अप्रत्याशित बाढ़ की त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रत्येक नागरिक को राहत देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ सरकार खड़ी है, सभी को हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई जा रही है। वह स्वयं बाढ़ प्रभावित जनपदों का दौरा कर रहे हैं। कल उन्होंने जनपद गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती एवं बहराइच में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया था और आज वह जनपद सिद्धार्थनगर सहित संतकबीरनगर, बस्ती तथा जनपद गोरखपुर का दौरा कर रहे हैं। जनपद सिद्धार्थनगर में 200 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। हमारे सभी जनप्रतिनिधिगण राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्ध स्तर पर राहत सामग्री वितरित की जाए।
जिला प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत सामग्री वितरण की सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से सुनिश्चित की जाएं। जिन गांवों में लोग सुरक्षित हैं और अपने घरों में भोजन बना सकते हैं, वहां पर प्रति परिवार-10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भुना चना, 02 किलो अरहर दाल, हल्दी, मिर्च, मसाले सहित 500 ग्राम नमक, 05 लीटर कैरोसिन तेल, एक पैकेट मोमबत्ती, माचिस, बिस्किट, रिफाइण्ड तेल, क्लोरीन की टैबलेट तथा साबुन जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पानी प्रवेश कर गया है, वहां पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाए। लोगों को समय से भोजन एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भी प्रतिदिन 05 किलो चारे की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राहत कार्य के साथ प्रभावित परिवारों को अन्य सहायता भी उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश सरकार बाढ़ या अन्य आपदा से हुई जनहानि पर पीडि़त परिवार को 04 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। अंग-भंग होने पर 60 हजार रुपये से 02 लाख 50 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता के कार्य को राज्य सरकार आगे बढ़ाने जा रही है।
साथ ही, गम्भीर रूप से घायलों को भी अनुमन्य आर्थिक सहायता का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में घर के पूरी तरह बह जाने पर ही मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन अब राज्य सरकार यह व्यवस्था करने जा रही है कि जिनका घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त/नष्ट हो गया है, उन्हें 01 लाख 20 हजार रुपये मुख्यमंत्री आवास योजना की तर्ज पर आवास बनाने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे किसान जिनकी फसल नष्ट हुई है, उनके नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।
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प्रदेश सरकार किसानों को कृषि भूमि पर 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि देने जा रही है, जिससे किसानों को सम्बल प्राप्त होगा। बारहमासी फसलों के लिए 22 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, दुधारू पशुओं-भैंस, गाय आदि के मरने पर 37 हजार 500 रुपये, भेड़, बकरी, सुअर के मरने पर 04 हजार रुपये, गैर दुधारू पशु-ऊंट, घोड़ा, बैल आदि के मरने पर 32 हजार रुपये, बछड़ा, गधा, खच्चर के लिए 20 हजार रुपये तथा मुर्गी एवं मत्स्य पालन में लगे किसानों के नुकसान पर भी प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।