उत्तराखंड

आपद काल परखिये चारी कौन है वे चार

 स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक

गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में लिखा कि धीरज धर्म मित्र अरू नारी, आपद काल परखिये चारी!! चार लोगों की परीक्षा विपत्ति के समय ही हो सकती है कौन चार लोग पहला धीरज ,दूसरा धर्म तीसरा मित्र चौथा नारी यानि स्त्री संकट में यद् साथ नहीं छोड़ते व साथ निभाते हुए सहयोग करते हैं खुद भी कष्ट सह कर मदद करते हैं तो ये चारो वास्विकता के प्रतीक होते हैं तो ठीक उसी तरह प्रसाशन के अधिकारियों को राजा तुल्य माना गया है जनपद वासी उनकी प्रजा का रूप होती है ऐस ऐस पी, डी ऐम, ऐ डी ऐम, ऐस डी ऐम मेला अधिकारी, अपर मेलाधिकारी, सी ऐम ओ ,यह सब जनता की सुरक्षा व हितों की रक्षा के लिए सरकारी व्यवस्था के अनुरूप होते हैं वहीं कोरोना जैसी भयावह वीमारी का संकट जैसे विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा हो जनता के हृदय की वेदना व भुखमरी का संकट गहराता देख जिले की कमान संम्भालने वाले जिलाधिकारी सी रविशंकर जी की विवेक क्षमता व धैर्य की मानो परीक्षा की घड़ी तमाम विकराल समस्याओं के रूप में सुरसा की तरह मुंह फौलाये सामने खड़ीं थी परन्तु धन्य है सी रविशंकर जी का आत्म संयम तनिक भी विचलित ना होते हुए उन्होने सम्पूर्ण जिले के लिए तमाम सटीक निर्देश देकर जिम्मेदार अधिकारियों को सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने हेतु कहा बस फिर क्या था जैसे प्रभु राम के इशारे का इंतजार करते थे उनके लघु भ्राता लक्षमण जी राम चरित मानस में बालकाण्ड में ऐक चौपाई है जौ तुम्हारि अनुशासन पावौं, कंदुक इव बृम्हाण्ड उठावौं!! सम्पूर्ण बृम्हाण्ड को कमल की डण्डी के समान उठाने के लिए आतुर थे लक्षमण बस ठीक उसी तरह अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा व्दारा जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों का शतप्रतिशत पालन कराने हेतु रात दिन को समान मान कर जनपद के सभी बिभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को शख्त कदम उठायें जाने हेतु कह गया प्रवासियों के भोजन व सेनेटाइजर आदि के साथ ही कोरेंटाइन आदि की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच स्केनिंग कराने की मुहिम तेज करदी गई जनता को सरकारी अनाज दालें आदि वितरित करवाने की व्यवस्था की गई साथ ही ऐस ऐस पी सेंथिल अबुदई कृष्ण राज के कुशल निर्देशन में जनपद हरिद्वार की पुलिस चप्पे चप्पे पर सजग प्रहरी की भांति पैनी नजर रखने लगी मास्क को प्राथमिकता देते हुये लोगों को पुलिस टीम द्वारा जागरूक किया जाने लगा अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा हरिव्दार को प्रवासियों की समुचित व्यवस्था में समय का भी ध्यान नहीं रहा रात 10 व 11 बजे तक स्टेशन में रहकर आगंतुक प्रवासियों की आवाजाही पर पूरी तरह से ध्यान दिया गया मेलाधिकारी दीपक रावत व अपर मेलाधिकारी हरिवीर सिंह जी बेसहारा गरीबों के लिए मसीहा बनकर उनके भोजन की व्यवस्था में चौकन्ना दिखे तब कहीं जाकर हरिव्दार की जनता ने राहत की सांस ली यानि कसौटी पर एकदम खरे उतरे जनपदीय अधिकारी वहीं दूसरी ओर रहीम दास जी लिखते हैं ! = रहिमन विपदा ही भली जो थोड़े दिन होय, हित अनहित या जगत में जान परै सब कोय!! सैकड़ो वर्ष पूर्व हमारे भारतीय विव्दानों ने अपने अनुभवों को लिपिबध्द करके आने वाले समय के लिए सार्वजनिक रूप से रख दिया था जिनसे हमको प्रेरणा लेनी चाहिए ! जनपद की जनता को अपने परिवार की तरह मानकर जनकल्याण की भावना से हमारे जनपदीय अधिकारियों ने रात रात दिन कड़ी मेहनत कर यह साबित कर ही दिया कि भीषण कठिन समय में वे हरपल जनता के साथ हैं व रहेंगे मैं इससे अधिक लिख भी क्या सकता हूँ लेखनी के पास भी शब्द कम पड़ेगे ऐसे विचारवान कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की कार्यप्रणाली की सराहना के लिए !

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