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शार्लेट लीच(Charlotte Leach )किसी भी मातृत्व अवकाश की हकदार नहीं

लंदन. एक महिला को सिर्फ गर्भवती होने के कारण नौकरी से निकाले जाने पर कोर्ट ने उसे 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक फर्म के प्रशासन विभाग में काम करने वाली एक महिला ने अपने बॉस को गर्भवती होने की जानकारी दी. इसके तुरंत बाद निकाल दिए जाने पर मुआवजे में लगभग 15 लाख रुपये मिले. रिपोर्ट में कहा गया है कि 34 वर्षीय शार्लेट लीच (Charlotte Leach ) को एसेक्स-आधारित सुरक्षा प्रणाली आपूर्तिकर्ता ने नौकरी से निकाल दिया था क्योंकि वह गर्भवती थी. लीच ने कहा कि वह घटना के बाद “अपमानित और खराब” महसूस कर रही थी.

लीच ने अपने प्रबंधक को बताया कि उसका अतीत में कई बार गर्भपात हो गया था और वह अपने अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित थी. लेकिन उन्हें सांत्वना के स्थान पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. उसके बॉस ने दावा किया कि लीच किसी भी मातृत्व अवकाश की हकदार नहीं थी. क्योंकि उसने अभी तक अपने नए कर्मचारी अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. बर्खास्त किए जाने के कुछ हफ्तों के भीतर ही लीच को एक बार फिर गर्भपात का सामना करना पड़ा.

ट्रिब्यूनल को बताया गया कि उसने मई 2021 में एक प्रशासनिक सहायक के रूप में CIS सेवाओं के लिए काम करना शुरू किया और उसका सालाना वेतन 20,000 पाउंड था. यह निर्धारित करने के बाद कि लीच को “उसकी गर्भावस्था से जुड़े” कारणों से निकाल दिया गया था, अब रोजगार न्यायाधिकरण ने मुआवजे में उसे 14,885 पाउंड (14,86,856 रुपये) का मुआवजा दिया है.

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