उत्तर प्रदेश

डीजी आफिस से सीसीटीएनएस में किया गया बदलाव

आगरा । मुकदमों (shift) में जांच अधिकारी द्वारा धारा कम करने या किसी आरोपी का नाम निकालने की बहुत शिकायतें आती हैं। ऐसे में विवेचकों पर नजर रखने के लिए अब यूपी पुलिस में हाईटेक (shift) तरीका अपनाया जाएगा।

एडीजी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि विवेचक किसी का नाम नहीं निकाल पाएंगे, बहुत केस में पारिवारिक विवाद या दूसरे कारणों से घटना में शामिल न होना वालों के नाम भी लिखा दिए जाते हैं।

ऐसे में विवेचक साक्ष्यों के आधार पर उनका विवेचना में नाम जोड़ व निकाल सकते हैं। ये पूरी प्रक्रिया जांच में पारदर्शिता लाने के लिए है। विवेचक के नाम निकालने या धारा कम करते ही उनके सुपरवाइजर अधिकारियों के पास एक अलर्ट मैसेज पहुंच जाएगा।

अगर विवेचना अधिकारी जिस मुकदमे की विवेचना कर रहा है और उसके आरोपी या कोई धारा कम करता है तो इसकी जानकारी उनके सुपरवाइजिंग आफिसर को तत्काल एक मैसेज के माध्यम से मिल जाएगी।

ऐसे में सुपरवाइजिंग अधिकारी के संज्ञान में ये बात रहेगी। वो विवेचना अधिकारी से इस बारे में बात कर सकेंगे और देख सकेंगे कि विवेचना सही हो रही है या नहीं।

एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि कार्यप्रणाली में पारदर्शिता के लिए डीजी कार्यालय से सीसीटीएनएस कें यह नई सुविधा की गई है। इसकी जानकारी उन्हें भी मिली है। इन व्यवस्था से विवेचना में पारदर्शिता आएगी।

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