अंतराष्ट्रीय

चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास(-इतिहास)

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर इतिहास  (-इतिहास) रच दिया है. इसरो की इस उलब्धियां का दुनियाभर में डंका बज रहा है, जहां अमेरिका, रूस सहित दुनिया के तमाम देशों को भारत को बधाई दी है.

अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने इसरो की इस उपलब्धि को अंतरिक्ष इतिहास में एक ‘अतुल्य’ क्षण करार दिया है. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम जैसे राष्ट्राध्यक्षों ने भारत को बधाई दी है. उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण को वैज्ञानिक-प्रौद्योगिकीय क्षेत्र में भारत की प्रभावशाली प्रगति का सबूत बताया.

‘भारत की प्रभावशाली प्रगति का सबूत है चंद्रयान-3’
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ की प्रेस सेवा ने कहा कि पुतिन ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने पर बधाई दी. राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संदेश में कहा, ‘भारत के चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने पर मेरी हार्थिक बधाई. यह बाहरी अंतरिक्ष के अन्वेषण और बेशक विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत की प्रभावशाली प्रगति का साक्ष्य है.’

वहीं शेख मोहम्मद ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्षयान उतारने वाला प्रथम देश बनने पर भारत को बधाई दी. उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के लिए भारत में हमारे मित्रों को बधाई. भारत ने इतिहास रचना जारी रखा है.’

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने भी चंद्रयान की सफलता पर अपने भारतीय समकक्ष को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और भारत की इसरो टीम को चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के लिए बधाई देता हूं.’

‘भारत ने इतिहास रचा है’
इसके अलावा ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने इसे एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया. उन्होंने कहा, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सबसे पहले पहुंचने के लिए भारत को बधाई.’ वहीं मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने इतिहास रचने के लिए भारत को बधाई दी. उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘भारत ने इतिहास रचा है! एक दक्षिण एशियाई राष्ट्र और पड़ोसी देश होने के नाते हम चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. इसने अन्वेषण के नये क्षेत्रों के नये रास्ते खोले हैं.’

भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने 41 दिनों की यात्रा के बाद बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह को छुआ. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इससे कुछ दिन पहले रूस का मानवरहित लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित होकर चंद्रमा पर गिर गया था.

नासा बोला- इसरो के मिशन में भागीदार बनकर हुई खुशी
इसे लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई! चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई. हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है.’

इसके अलावा रूस के सरकारी अंतरिक्ष निगम ‘रोस्कोस्मोस’ ने भी भारत को बधाई दी. ‘रोस्कोस्मोस’ ने एक बयान में कहा, ‘रोस्कोसमोस चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई देता है.’ वहीं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘अतुल्य! इसरो और भारत के सभी लोगों को बधाई!!’ उन्होंने लिखा, ‘भारत ने नयी तकनीकों का प्रदर्शन करते हुए किसी अन्य खगोलीय पिंड पर पहली सॉफ्ट लैंडिंग की. शाबाश, मैं पूरी तरह प्रभावित हूं.’

चंद्रयान-3 मिशन पर 600 करोड़ रुपये की लागत आई और यह 14 जुलाई को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के लिए 41 दिन की यात्रा पर रवाना हुआ था. इसे प्रक्षेपण यान ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था.

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