चाणक्य नीति: किस समय पीया गया पानी शरीर में जहर का काम करता है? कभी न करें ये गलती
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार आपको कड़वे और कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है. आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आप भले ही इसे नजरअंदाज कर दें, मगर चाणक्य की नीतियां हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे. आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे. आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने पानी के बारे में बताया है. चाणक्य जी ने बताया है कि किस समय पानी पीना जहर के समान होता है और कैसे गलत समय पिया गया पानी आपके शरीर को प्रभावित करता है. चाणक्य जी ने अपने नीति में लिखा है कि पानी हमेशा सही समय पर ही पीना चाहिए क्योंकि गलत समय पर पिया गया पानी जहर के समान होता है.
भोजन करने के तुरंत बाद पिया गया पानी
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में पानी को लेकर लिखा है कि पानी हमेशा सही समय पर पीना चाहिए क्योंकि गलत समय पर पिया गया पानी जहर के समान है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन करने के तुरंत बाद पिया गया पानी जहर के समान होता है. यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है. भोजन के पाचन में गड़बड़ी पैदा करता है. अपच की स्थिति में पेट संबंधी रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. भोजन के तुरंत बाद पानी पीने पर वह विष के समान कार्य करता है यानी पानी फायदा नहीं नुकसान पहुंचाता है. Also Read – चाणक्य नीति: बिजनेस में सफलता पाने के लिए चाणक्य के इन 5 चमत्कारी मंत्र का करें पालन, मिलती है सफलता
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कब पीना चाहिए पानी?
भोजन करने के लगभग 30 से 45 मिनिट बाद पानी पीना चाहिए, इस समय पीया गया पानी अमृत के समान काम करता है. शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है. पाचन तंत्र के स्वस्थ होने पर कब्ज, गैस, अपच आदि समस्याएं नहीं होती हैं.