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Capital : विभिन्न खंडों में बिजली की स्थायी व्यवस्था नहीं, जाने पूरी खबर

लखनऊ। Capital : विभिन्न खंडों में बिजली की स्थायी व्यवस्था नहीं, जाने पूरी खबर… बिजली संकट को लेकर न तो अभियंताओं ने पहले से तैयारियां की थी और न ही प्रबंधन द्वारा अभियंताओं को लेकर कोई ठोस योजना बनाई गई थी। ऐसे में लखनऊ के बीस लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना आए दिन करना पड़ रहा है। प्रबंधन द्वारा पिछले तीन माह से खंडों में तैनात अधिशासी अभियंताओं की पदोन्नति तो कर दी गई है, लेकिन उनके स्थान पर तैनात किए गए अधिशासी अभियंता पर मई-जून माह में दोगुनी जिम्मेदारी है। कोई अधिशासी अभियंता के ऊपर दस बिजली उपकेंद्रों की जिम्मेदारी है।

Capital : भीषण गर्मी में बीस लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर छाया संकट

तो किसी पर मीटर सेक्शन सहित पूरे खंड की जिम्मेदारी है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा अभी तक कोई नए अधिशासी अभियंता की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में चौक खंड में अधिशासी अभियंता ज्ञान प्रकाश के प्रमोशन के बाद मीटर सेक्शन के एम आलम को तैनात किया गया, तब से बिजली संकट यहां और बढ़ गया है। पुराने लखनऊ के चौक खंड में बिजली व्यवस्था पटरी से उतरी है। ऐसे में यहां नए अधिशासी अभियंता की जरूरत है। वहीं अपट्रान खंड में भी जिम्मेदारी ज्यादा है।

Capital : क्योंकि यहां भी घनी आबादी है और बिजली संकट अकसर बना रहता

क्योंकि यहां भी घनी आबादी है और बिजली संकट अकसर बना रहता है। अमीनाबाद में अधिशासी अभियंता आरके श्रीवास्तव तैनात थे, इनकी पदोन्नती होने पर मीटर सेक्शन के एसके अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गई। एसके अग्रवाल पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं, लेकिन नया खंड होने के कारण जब तक वह अमीनाबाद को समझ रहे हैं, तब तक गर्मी यानी पीक सीजन निकल जाएगा। यही हाल विश्वविद्यालय और गोमती नगर खंड का है। अभियंता स्वीकारते हैं कि उक्त खंडों में आबादी बीस लाख से अधिक की है।

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पीक सीजन में नए अधिशासी अभियंताओं को मुहल्ले और उपखंड के नाम याद करने में दिक्कत आती है। कम से कम एक से दो माह का समय तो अधिशासी अभियंता को समझने में निकल जाता है। कौन सा ट्रांसफार्मर ओवर लोडेड हैं, कहां बिजली चोरी ज्यादा होती है और किन क्षेत्रों में लोड बैलेंसिंग की जरूरत है। इसका खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को कटौती और बिजली की आवाजाही का सामना करके उठाना पड़ रहा है।

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