कनाडा वीजा सर्विससिर्फ दिल्ली में सेवाएं रहेंगी जारी
नई दिल्ली: पिछले महीने से कनाडा और भारत के बीच रिश्तों में तनाव आ गया है. इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आई है. यह खबर भारत से कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए बुरी ख (वीजा सर्विससिर्फ ) बर है. तनाव के बीच कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. साथ ही कनाडा ने बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में वीजा और व्यक्तिगत कांसुलर सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.
TOI के अनुसार वीजा की चाहत रखने वाले लोगों को अब दिल्ली जाकर वीजा प्रोसेसिंग करवाना होगा. बता दें कि भारत ने लगभग एक महीने पहले कनाडा में वीजा प्रक्रिया निलंबित कर दी थी. 19 अक्टूबर को अपडेट की गई भारत के लिए अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में कनाडा ने कहा ‘कनाडा और भारत में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में, पारंपरिक मीडिया और सोशल मीडिया पर कनाडा के प्रति विरोध प्रदर्शन और कुछ नकारात्मक भावनाएं हैं.’
कनाडा के ट्रैवल एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि ‘कनाडा विरोधी प्रदर्शनों सहित अन्य प्रदर्शन हो सकते हैं और कनाडाई लोगों को धमकी या उत्पीड़न का शिकार होना पड़ सकता है.’ साथ ही कनाडा सरकार ने अपने नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन सहित भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा है. वहीं कनाडा के एक पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत द्वारा कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहना कोई सामान्य घटना नहीं है. पिछले 40 या 50 सालों में इस तरह की किसी घटना के बारे में मुझे याद नहीं है, जहां ऐसा कुछ हुआ हो.
क्या बोली कनाडा की विदेश मंत्री
कनाडा की विदेश मंत्री जोली ने कहा ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि भारत ने 21 कनाडाई राजनयिकों को छोड़कर अन्य सभी की राजनयिक छूट 20 अक्टूबर के बाद खत्म करने की योजना से हमें अवगत करा दिया है. राजनयिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने भारत से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है. इसका मतलब है कि भारत में रह रहे 41 राजनयिक और उनका परिवार भारत छोड़ चुके हैं.’
मालूम हो कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देश के बीच राजनयिक विवाद और बढ़ गया. निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर संभावित हाथ होने का आरोप लगाया था. जिसे भारत ने ‘बेतुका’ बताकर खारिज कर दिया था.