अंतराष्ट्रीय

पंजाब के अपराधियों का कनाडा कनेक्शन(Canada connection)

कोलंबिया:शुभदीप सिंह सिद्धू जिन्हें ज्यादातर लोग सिद्धू मूसेवाला के नाम से जानते थे, बीते दिनों उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें 30 से ज्यादा गोलियां लगीं, जिसमें 20 तो उनके शरीर से आरपार निकल गईं. इस हत्याकांड के बाद एक फेसबुक पोस्ट की काफी चर्चा है, जिसमें दावा किया गया कि मूसेवाला की हत्या लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने कराई है. बिश्नोई तिहाड़ जेल में बंद है, वहीं गोल्डी कनाडा में रहता है. अब यहां सवाल उठता है कि कोई अपराधी तिहाड़ जैसी जेल में रहते हुए और कोई कनाडा रहते हुए इस तरह की घटना को अंजाम कैसे दे सकता है और कनाडा से पूरा नेक्सस कैसे डील हो सकता है. तो इसके लिए आपको इतिहास में चलना होगा और पंजाब-कनाडा के उस कनेक्शन (Canada connection) को समझना होगा, जो पिछले 3 दशक में तेजी से फला-फूला है.

पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने घटना के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा, ‘लॉरेंस बिश्नोई गैंग इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार है. गैंग के एक सदस्य ने कनाडा से इसकी जिम्मेदारी भी ले ली है.’ अब यहीं से सवाल उठता है. कनाडा में पंजाब का गैंग?

2004 में ब्रिटिश कोलंबिया की सालाना पुलिस रिपोर्ट में कहा गया था कि ब्रिटिश कोलंबिया में तीसरा सबसे ऑर्गेनाइज्ड और सोफिस्टिकेटेड क्रिमिनल ऑर्गेनाइजेशन काम करता है. 2006 से 2014 के बीच ब्रिटिश कोलंबिया में 21.3% जातीय संघर्ष आधारित मौतों के पीछे 34 दक्षिण एशियाई लोगों को जिम्मेदार माना गया.

टोरंटो में है पंजाबियों का गैंग
रिपोर्ट में कहा गया कि ये ग्रुप्स इसलिए फले-फूले क्योंकि क्षेत्रीय लोगों को लगता है कि वे उनकी रक्षा करते हैं. टोरंटो के डाउनटाउन इलाके में पेप एवेन्यू एक समय पंजाबियों का सेंटर हुआ करता था. बाद में ये ब्राम्पटन और मिसिसॉगा तक एक्सपेंड हो गया. रिपोर्ट में कहा गया कि जब पंजाब के लोग कनाडा पहुंचते हैं तो वह पहले पेप एवेन्यू में ही अपना ठिकाना बनाते हैं. इसके बाद ही वह दूसरी जगहों पर अपने लिए रहने की जगह खोजते हैं. लेकिन, ऐसा दावा किया जाता है कि वहां के लोकल्स उन्हें परेशान करते हैं. ऐसा भी कहा गया है कि ये पंजाबी विरोध करते हैं तो विवाद गहरा जाता है. यहीं पर कुछ पंजाबी अपने लिए फायदा देखते हैं और वे गैंग बना लेते हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यहां 1990 से लेकर अब तक करीब 150 से ज्यादा लोगों की मौत इन लड़ाइयों में हुई है.

बिंदी जोहाल था पहला पंजाबी-कनेडियन अपराधी
आज जिस तरह से बिश्नोई और गोल्डी की बात हो रही है, उससे बड़ा अपराधी 90 के दशक में बिंदी जोहाल था. वह पहला पंजाबी-कनेडियन अपराधी था और The Elite नाम से ग्रुप बनाकर अपराध को अंजाम देता था. उसके ऊपर 30 से ज्यादा हत्या के आरोप हैं. दोसांझ ब्रदर्स की हत्या का भी आरोप इसी ग्रुप के ऊपर है.

ऐसा दावा किया जाता है कि ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और ओंटेरियो में सबसे ऑर्गेनाइज तौर पर इंडो-कनेडियन क्रिमिनल रहते हैं. अब तो यहां भी गैंगवार शुरू हो गया है और ग्रुप्स आपस में ही लड़ने भी लगे हैं. जोहाल के बाद रंजीत चीमा, रॉबी कंडोला जैसे अपराधी भी वहां तेजी से उभरे. इस बीच वेंकूवर में संघेरा क्राइम गैंग उभरा जिसे उद्धम सिंह संघेरा चलाता है. इसने कई जगह गोलीबारी की. पुलिस ने इस गैंग के कई अपराधियों को 2009 में पकड़ा भी.

लॉरेंस बिश्नोई
30 साल का बिश्नोई इस समय तिहाड़ जेल में है. उसके ऊपर हत्या, हत्या की कोशिश, धमकी सहित कई धाराओं में केस दर्ज हैं. 2018 में इस गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार करने पर पता चला कि वे सलमान खान की हत्या की साजिश रच रहे हैं. बता दें कि बिश्नोई कम्युनिटी काला हिरण को पूजता है और सलमान इसी के शिकार के मामले में दोषी ठहराए गए थे. इसे लेकर साल 2020 में इंडियन एक्सप्रेस ने एक विस्तृत रिपोर्ट भी की थी.

बिश्नोई पंजाब यूनिवर्सिटी में एक स्टूडेंट लीडर हुआ करता था. उसके पिता पंजाब पुलिस में अफसर थे. बिश्नोई पर पंजाब और राजस्थान में कई हत्याओं का आरोप लगा. कम ही समय में ये ग्रुप चर्चा में आ गया. कहा जाता है कि गैंगस्टर जसविंदर सिंह से जुड़कर उसने अपने गैंग को बढ़ाया, हालांकि बाद में 2016 में जसविंदर की हत्या हो गई. बिश्नोई 2017 से जेल में बंद है और वहीं सलाखों के पीछे से अपना गैंग चला रहा है.

गोल्डी बराड़
दूसरी तरफ गोल्डी बराड़ कनाडा में रहता है. वह कई केस में वांटेड है. यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या के मामले में 2021 में पुलिस ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया है. वह दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कई अपराधों में शामिल रहा है. वह भेष बदलने में माहिर माना जाता है.

पंजाब में इनके अलावा जग्गू भगवनपुरिया गैंग जयपाल भुल्लर गैंग, दविंदर बंबीहा गैंग भी काफी सक्रिय रहता है. मूसेवाला की हत्या के बाद बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मूसेवाला का किसी गैंगस्टर ग्रुप से संबंध नहीं था. फिर भी उसे हमसे जोड़कर मारा गया. अब हम भी उसका बदला लेंगे. बता दें कि पंजाब में गन कल्चर तेजी से बढ़ा है. देश की 2% आबादी जहां रहती है, वहां देश की 10% बंदूके हैं. गृहमंत्रालय ने साल 2016 में इसे लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की थी कि देश में 33.69 लाख लाइसेंसी बंदूक है, जिसमें पंजाब में 3.90 लाख लाइसेंसी बंदूक है.

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