दिल्ली

क्‍या समलैंग‍िक व‍िवाह ( gay marriage) हो सकता है या नहीं?

समलैंगिक विवाह ( gay marriage) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग पर चीफ जस्‍ट‍िस ऑफ इंड‍िया (सीजेआई) ने चंद्रचूड़ ने कहा है क‍ि हम 6 जनवरी से सुनवाई करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जो समान लिंग और समलैंगिक विवाह से संबंधित है. इसी तरह के मामले दिल्ली और कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित हैं. इसलिए यहां ट्रांसफर याचिका दायर की गई है.

आपको बता दें क‍ि विशेष विवाह अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह को मान्यता देने की घोषणा की मांग करने वाले कई समलैंगिक जोड़ों की 8 याचिकाएं हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं.

समलैंग‍िक व‍िवाह के बारे में क्‍या कहा था सुशील मोदी ने
इस मामले में बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने राज्‍यसभा में द‍िए बयान में कहा था क‍ि केवल दो जज बैठकर समलैंग‍िक व‍िवाह जैसे महत्‍वपूर्ण व‍िषय पर कोई फैसला नहीं दे सकते हैं. उन्‍होंने कहा था क‍ि समलैंग‍िक व‍िवाह को कानूनी मंजूरी नहीं दी जानी चाह‍िए. राज्‍यसभा में शून्यकाल के दौरान समलैंग‍िक व‍िवाह के मुद्दे को उठाते हुए कहा था क‍ि भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे असंहिताबद्ध या किसी भी संहिताबद्ध वैधानिक कानूनों में समलैंगिक विवाह को न तो मान्यता दी जाती है और न ही स्वीकार किया जाता है. यह भारत में व्यक्तिगत कानूनों के नाजुक संतुलन को देखते हुए पूर्ण विनाश का कारण बनेगा.

उन्होंने कहा था कि हमारे देश में विवाह को पवित्र माना जाता है और यह एक पुरुष और महिला के बीच संबंध है. यह परिवार, बच्चे और उनका पालन-पोषण जैसे मुद्दे विवाह की संस्था से जुड़े हैं. उन्‍होंने कहा क‍ि बच्‍चे को गोद लेना, घरेलू ह‍िंसा और तलाक जैसे अध‍िकार भी व‍िवाह से जुड़े हुए हैं. उन्‍होंने आरोप लगाया क‍ि कुछ वाम-उदारवादी और एक्‍ट‍िव‍िस्‍ट समलैंग‍िक व‍िवाह को कानूनी मान्‍यता द‍िलाने की कोश‍िश कर रहे हैं.

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