अंतराष्ट्रीय

जला हुआ सामान, बिखरा मलबा.(जला हुआ) 

ड्रोन हमले : अरब सागर में ड्रोन हमले का सामने करने वाला व्यापारिक जहाज मुंबई पहुंच गया है, जहां भारतीय नेवी के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने उसका टेस्ट किया. इस जहाज की कई तस्वीरें भी सोशल प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही हैं, जिसमें जहाज के हिस्से क्षतिग्रस्त    (जला हुआ)  नजर आ रहे हैं. नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि हमले वाली जगह और जहाज पर पाए गए मलबे का विश्लेषण करने ड्रोन हमले का संकेत मिलता है और सभी विवरणों का पता लगाने के लिए आगे फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी. पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नेवी और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को मदद देने के लिए कई पोत तैनात किए.

अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्यिक जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर, नौसेना ने क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक मौजूदगी बनाए रखने के लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया था. उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया था.
इससे पहले अमेरिकी मध्य कमान ने कहा था कि दक्षिणी लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों की चपेट में आए दो पोत में से एक भारतीय ध्वज वाला तेल टैंकर भी है. 23 दिसंबर को, यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय पोत लेन में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं.
स्थानीय समयानुसार अपराह्न तीन बजे से रात आठ बजे के बीच, यूएसएस लैबून (डीडीजी 58) दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहा था और इसने यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से आने वाले चार ड्रोन को मार गिराया. यूएसएस लैबून इन ड्रोन के निशाने पर था. उनके मुताबिक, स्थानीय समयानुसार रात करीब आठ बजे अमेरिकी नौसेना बल की मध्य कमान को दक्षिणी लाल सागर में दो पोत से रिपोर्ट मिली कि उन पर हमला किया गया था.
नॉर्वे के झंडे वाले तेल टैंकर ‘एम/वी ब्लामानेन’ ने हूती विद्रोहियों के ड्रोन से उन्हें निशाना बनाए जाने की सूचना दी थी. इसके बाद भारतीय झंडे वाले एक अन्य तेल टैंकर ‘एम/वी साईबाबा’ ने भी उस पर ड्रोन हमले की सूचना दी थी.

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button