फसल अवशेष, परली जलाना अपराध, कृषक किसी भी दशा में खेतों में फसल अवशेष न जलाएं- जिलाधिकारी
मैनपुरी ( ब्यूरो रिपोर्ट):जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कृषि विभाग की संचालित इन सीटू सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना एन.एफ.एस.एम. एन.एम.ई.ओ. ओ.एस. योजना पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, खेत तालाब एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली योजना, प्रधानमंत्री प्रणाम योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की बिंदुवार समीक्षा के दौरान उपस्थित किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि फसल अवशेष किसी भी दशा में खेतोंमें न जलाएं फसल अवशेष जलाने से जहां एक और मिट्टी की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है, एन.जी.टी. ने फसल अवशेष जलने पर कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया है, 02 एकड़ में फसल अवशेष जलाने पर रू. 2500, 02 एकड़ से 05 एकड़ तक रू. 05 हजार एवं 05 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल में फसल अवशेष जलाने पर रु.10 हजार प्रति घटना जुर्माने का प्राविधान किया गया है वहीं एक से अधिक बार पराली जलाने की घटना में शामिल कृषकों को शासन की किसी भी जन-कल्याणकारी योजना में लाभान्वित न किए जाने का भी प्राविधान है। उन्होने कृषक बन्धुओं से कहा कि सभी को दान लोग सहयोग करें, किसी भी दशा में ऐसा कृत्य न करें जिससे मजबूरन किसानों के विरुद्ध कार्यवाही करने पर मजबूर होना पडे। उन्होने कहा कि पराली को समीपवर्ती गौशा करें, गौशाला तक लाने ले जाने का व्यय भार पंचायत वहन करेगी।
श्री सिंह ने समीक्षा के दौरान पाया कि गत वर्ष जनपद में फसल अवशेष, पराली जलाने की 45 घटनाएं संज्ञान में आयी थीं, जिसमें से अधिकांश प्रकरण तहसील करहल, भोगांव, किशनी में पाये गये थे। उन्होने विशेषतौर पर तहसील करहल नोगाव, किशनी के कृषकों से कहा कि इस बार फसल अवशेष जलाने की घटना की पुनरावृत्ति न कर सैटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष जलाने की घटना पर नजर रखी जा रही है यदि कोई कृषक फसल जलाने की घटना में संलिप्त पाया गया तो उसके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर जुर्माना वसूला जायेगा । उन्होने कहा कि कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रसायनिक उर्वरकों का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है साथ ही वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से पशु मानव एवं फसलों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है असंतुलित रसायनिक उर्वरकों से बचाव हेतु प्रधानमंत्री प्रणाम योजना लागू की गयी है, इस योजना का उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी लाकर जैविक, नैनो यूरिया, डी.ए.पी. को बढ़ावा देना है। उन्होने उपस्थित कृषकों से कहा कि प्रकृति, मृदा के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करें मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए रसायनिक खादों के प्रयोग से बचे कम लागत में अधिक मुनाफा पाने मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए जैविक खादों का प्रयोग करें।
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि कृषकों को शासन की संचालित योजनाओं का लाभ बिना किसी कठिनाई के मिले, खाद-बीज, उर्वरक, कृषि यंत्र पर मिलने वाली अनुदान राशि सीधे लाभार्थी किसान के खाते में भेजी जाए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खंड विकास अधिकारियों, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में कहीं भी निराश्रित गोवंश सड़कों पर दिखाई न दें। उन्होने उपस्थित कृषकों का आव्हान करते हुये कहा कि पालतू गोवंशों को छुट्टा न छोड़े, पशु पालकों द्वारा अपने जानवरों को छोड़े जाने के कारण निरतर निराश्रित गौवंशों की समस्या बनी हुयी है, जिला प्रशासन इससे निपटने के लिए गौवंशों को छुट्टा छोड़ने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर रहा है, ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। बैठक में इफ्को कम्पनी के प्रतिनिधि ने नैनो यूरिया, डी.ए.पी. के प्रयोग करने से होने वाले लाभ, कम लागत में बेहतर उत्पादन पर विस्तार से कृषकों को जानकारी दी. के. वी. के. के कृषि वैज्ञानिक ने कृषकों को रसायनिक खादों के अधाधुध प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी ने विकास खंड जागीर के कृषक रामशंकर, रामदल, कप्तान सिंह, राजेन्द्र सिंह, हरिमान सिंह, अनार सिंह, महेन्द्र सिंह जितेन्द्र कुमार, प्रेम सिंह, संत सिंह, ब्लॉक मैनपुरी के कृषक राशी, अशोक कुमार, दिनेश सिंह चौहान, रूपेन्द्र सिंह, अजय कुमार को तोरिया, सरसों बीज की मिनीकिट वितरण की ।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आर.सी. गुप्ता, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. सत्येन्द्र कुमार, उपायुक्त एल. आर. एल. एम. शौकत अली, बड़ी संख्या में कृषक, आदि उपस्थित रहे. बैठक का संचालन जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूर्य प्रताप ने किया ।