भगवान बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima,) मनाते
बुद्ध पूर्णिमा :वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima,) मनाते हैं. इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, हालांकि यह भारत में दृश्य नहीं होगा. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध धर्म के लोग विशेष पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन भगवान बुद्ध के विचारों और उपदेशों को पढ़ते और सुनते हैं, ताकि उनके बताए मार्ग का अनुसरण किया जा सके. बुद्ध पूर्णिमा के दिन हम आपको भगवान बुद्ध के कुछ उपदेशों और विचारों से अवगत करा रहे हैं. आप इसे अपने मित्रों, परिजनों और शुभचिंतकों को शेयर भी कर सकते हैं.
भगवान बुद्ध के उपदेश
1. व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए क्योंकि क्रोध की सजा नहीं मिलती है यद्यपि क्रोध से सजा प्राप्त होती है.
2. एक हिंसक पशु से ज्यादा खतरनाथ धोखेबाज और दुष्ट मित्र होता है. वह आपके विवेक और बुद्धि को भी हानि पहुंचाता है. ऐसे दोस्तों से तो दूर ही रहना चाहिए.
3. आप किसी पर शक या संदेह न करें. ऐसा करने से रिश्ते टूटते हैं, चाहें वह मित्रता ही क्यों न हो.
4. मोह और माया के बंधन से मुक्त रहना चाहिए. जो जितने लोगों को प्रेम करते हैं, वे उतने ही लोगों से दुखी भी रहते हैं. जो प्रेम रहित हैं, वे संकट से मुक्त हैं.
5. खुद पर जीत हासिल करना हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर है क्योंकि वह जीत आपकी होगी.
6. इस संसार में तीन चीजों को कभी छिपाया नहीं जा सकता है, वे हैं सूरज, चांद और सत्य.
7. आपकी किसी दूसरे से घृणा करके घृणा को खत्म नहीं कर सकते हैं. घृणा को सिर्फ प्रेम से खत्म किया जा सकता है.
8. जो समय बीत गया है उसके बारे में न सोचें और न ही आने वाले समय की चिंता करें. आपके साथ वर्तमान समय में क्या हो रहा है, उस पर ध्यान दें. ऐसा करने से ही आपको असली खुशी प्राप्त होगी.
9. आप अपने मन को साफ रखें. आपका मन बदल जाए, तो आपके मन में कोई गलत या बुरे विचार पनपेंगे ही नहीं. मन में ही बुरे काम जन्म लेते हैं.
10. स्वयं को सेहतमंद रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. आपका शरीर स्वस्थ रहेगा, तभी मन भी स्वस्थ रहेगा. उसमें अच्छे विचार रहेंगे.