शिक्षकों को अनदेखा करना बीजेपी को पड़ेगा भारी, ये लोकतंत्र है तानाशाही नही चलेगी:– डॉ मानसिंह यादव !
मैनपुरी – कुरावली मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिम्पल यादव के लिए शिक्षकों से मिल वोट की अपील करने पहुचे शिक्षक एमएलसी डॉ मानसिंह यादव। सपा का गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी का इलेक्शन खास होने की वजह से नेताओ का आना जाना लगा हुआ है। आपको बताते चले कि मैनपुरी लोकसभा सीट इस लिए भी खास है क्योकि इस सीट पर खुद अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव लड़ रही है। यही वजह है
सपा के सभी दिग्गज प्रचार के लिए मैनपुरी में डटे हुए है। इसी क्रम में शिक्षक एमएलसी डॉ मानसिंह यादव मंगलवार के दिन कुरावली में शिक्षकों से मिल सपा के पछ में वोट की अपील करते हुए बोले कि सपा शिक्षकों का ध्यान रखती है। तो वही बीजेपी को शिक्षक वोरोधी बताते हुए खूब बरसे। इस मौके पर शिक्षक एमएलसी डॉ. मानसिंह यादव, संजय समर्थ, शिव वीर सिह जिलाध्यक्ष वित्त विहीन शिक्षक संघ, वित्त विहीन गुट मैनपुरी, सर्वेश कुमार (महामंत्री), समर खान, राजेश्वर सिंह, श्रीकांत, कुलदीप, शिवा, संजय निषाद, अतुल कुमार, अर्जुन यादव, धर्मनारायण व दर्जन भर शिक्षक मौजूद रहे।
क्या बोले शिक्षक एमएलसी
डॉ मानसिंह यादव शिक्षक एमएलसी ने शिक्षकों से मुलाकात कर बोले कि जब स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने वित्तविहीन विद्यालय की एडिड होने की समय सीमा कम कर शिक्षकों को मुख्य धारा से जोड़ा था।
शिक्षा के क्षेत्र में नोकरी के अवसर दे कर शिक्षा व्यवस्था को नया रूप दिया था। सपा ने शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक बनाने का काम किया था। लेकिन बीजेपी ने सत्ता सभालते ही शिक्षा मित्रों को बर्बाद करने का काम किया है।
शिक्षक एमएलसी डॉ मान सिंह यादव ने कुरावली क्षेत्र में घूम कर सपा के लिए मांगे वोट
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नए नियमो पर भी प्रहार करते हुए बोले कि ये नियम केवल और केवर इस लिए लाए जा रहे है कि कोई विद्यालय न खुल सके हर चीज़ पर केवल और केवल कुछ पूंजी पतियों का अधिकार रहे। इस विषय पर बोले कि देश लोकतांत्रिक देश है ये ताना शाही यहां पर नही चलेगा। ये शिक्षा और शिक्षकों के विरुद्ध कानून है जिसका धरना दे कर व सदन से लेकर विधान सभा मे सपा द्वारा विरोध किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी शिक्षक हितेषी पार्टी है जिसने वित्तविहीनो का ख्याल रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मानदेय दे कर शिक्षकों को सहायता देने का काम किया था। परन्तु बीजेपी ने लोभ दे कर सत्ता हासिल की और धोका देते हुए मिल रहा मानदेय योजना खत्म कर दिया गया। जिसके बाद सपा को वोट की अपील करते हुए बोले कि सपा के हाथ मज़बूत करें।