उत्तर प्रदेशराजनीति
BJP में शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री कठेेरिया ने कहा
आगरा. एक प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया ने कहा कि बसपा छोड़ चुके स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में आ रहे हैं। बसपा को छोड़कर लोग आ रहे हैं, क्योंकि बसपा में टिकट के लिए लोगों को एक से पांच करोड़ रुपए देने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सपा अपने आंतरिक कलह से खत्म हो जाएगी। इस बार यूपी में बीजेपी की सरकार बन रही है। भगवा हिंदुस्तान में नहीं तो क्या पाकिस्तान में होगा…
– भगवाकरण पर बोलते हुए कहा कि अगर भगवा हिन्दुस्तान में नही होगा तो कहां होगा। क्या भगवा पाकिस्तान में होगा।
– हम सब लोग भगवा हैं और भगवा शब्द भगवान से बना है।
– हम सब लोग भगवा हैं और भगवा शब्द भगवान से बना है।
स्वामी में दिया था पार्टी से इस्तीफा
– बता दें, 22 जून को बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
– मौर्य ने कहा था कि मायावती दलित नहीं, दौलत की बेटी हैं। वो टिकट बेचती हैं।
– मायावती ने अंबेडकर के सपनों को तोड़ा हैं। मायावती मनुवाद के मकड़ जाल में बुरी तरह उलझ गई हैं।
– स्वामी प्रसाद ने कहा था, “मायावती आगामी चुनाव के लिए टिकट बेच रही हैं। बसपा नीलामी का बाजार बन गई है। कांशीराम ने जो नारा दिया था, लालच-मोह में आकर नारे को बदलने का काम किया गया। ”
– उन्होंने कहा, “2012 विधानसभा चुनाव में हम हारते नहीं क्योंकि एंटी इंकंबेंसी नहीं थी। 2014 चुनाव में उम्मीदवार पैसे लेकर घोषित हुए थे इसीलिए हारे। पिछले चुनाव से मायावती ने सबक नहीं लिया है। कितनी बार टिकट बेचा जाएगा? अभी इसकी सीमा नहीं है। 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती थी। 16 को मुझे निर्देश दिया गया कि भगवान बुद्ध, बाबा साहेब, काशीराम, दूसरे महापुरुषों के कार्यक्रमों में नहीं जाना है।”
– उन्होंने कहा, “2012 विधानसभा चुनाव में हम हारते नहीं क्योंकि एंटी इंकंबेंसी नहीं थी। 2014 चुनाव में उम्मीदवार पैसे लेकर घोषित हुए थे इसीलिए हारे। पिछले चुनाव से मायावती ने सबक नहीं लिया है। कितनी बार टिकट बेचा जाएगा? अभी इसकी सीमा नहीं है। 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती थी। 16 को मुझे निर्देश दिया गया कि भगवान बुद्ध, बाबा साहेब, काशीराम, दूसरे महापुरुषों के कार्यक्रमों में नहीं जाना है।”
– जानकार, स्वामी के पार्टी छोड़ने को माया के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं। यूपी में 8 फीसदी मौर्या और कुशवाह हैं।
डैमेज कंट्रोल में मायावती ने क्या कहा?
– मौर्य के आरोपों का जवाब देने के लिए मायावती खुद मैदान में उतरीं। मौर्या की प्रेस कॉन्फ्रेंस के करीब एक घंटे बाद उन्होंने भी प्रेस कांफ्रेंस की। माया आमतौर पर बयान ही देती हैं लेकिन मौर्य के मामले में उन्होंने मीडिया के चंद सवालों के जवाब भी दिए।
– माया ने कहा- “मौर्या कभी चुनाव नहीं जीते। बीएसपी में उन्हें भविष्य नजर आया, तो वो हमारी पार्टी में आ गए। वो मुलायम की तरह हैं जो परिवार के मोह से बाहर नहीं आ सका।”
– “चुनाव हारने के बाद वो भटकने लगे। मैंने पार्टी के लोगों की सलाह मानकर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया था। वो तो मुलायम के साथी थे। 2012 में उन्होंने कुशीनगर से बेटे के लिए टिकट मांगा।”
– “वो अगर पार्टी नहीं छोड़ते तो हम उन्हें निकाल देते। उन्होंने तो हम पर उपकार किया है। हमने इनके लड़के और लड़की दोनों को टिकट दिया लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए। वो अपनी मर्जी से गए हैं। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। ”
– “इत्तफाक से मेरे मां-बाप ने मेरा नाम माया रख दिया। मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। हमारे कार्यकर्ता अपनी हैसियत के हिसाब से पार्टी को चंदा देते हैं। मौर्या बताएं कि उन्होंने पार्टी को कितना चंदा दिया? लड़का कंट्रोल में नहीं है, लड़की की शादी हो चुकी है।”
– “स्वामी से मैंने साफ कहा था कि परिवारवाद यहां नहीं चलेगा। अगर वो सपा में जाते हैं तो वो उनके लिए सबसे सही जगह है। वहीं, परिवारवाद चल सकता है।”
– माया ने कहा- “मौर्या कभी चुनाव नहीं जीते। बीएसपी में उन्हें भविष्य नजर आया, तो वो हमारी पार्टी में आ गए। वो मुलायम की तरह हैं जो परिवार के मोह से बाहर नहीं आ सका।”
– “चुनाव हारने के बाद वो भटकने लगे। मैंने पार्टी के लोगों की सलाह मानकर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया था। वो तो मुलायम के साथी थे। 2012 में उन्होंने कुशीनगर से बेटे के लिए टिकट मांगा।”
– “वो अगर पार्टी नहीं छोड़ते तो हम उन्हें निकाल देते। उन्होंने तो हम पर उपकार किया है। हमने इनके लड़के और लड़की दोनों को टिकट दिया लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए। वो अपनी मर्जी से गए हैं। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। ”
– “इत्तफाक से मेरे मां-बाप ने मेरा नाम माया रख दिया। मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। हमारे कार्यकर्ता अपनी हैसियत के हिसाब से पार्टी को चंदा देते हैं। मौर्या बताएं कि उन्होंने पार्टी को कितना चंदा दिया? लड़का कंट्रोल में नहीं है, लड़की की शादी हो चुकी है।”
– “स्वामी से मैंने साफ कहा था कि परिवारवाद यहां नहीं चलेगा। अगर वो सपा में जाते हैं तो वो उनके लिए सबसे सही जगह है। वहीं, परिवारवाद चल सकता है।”
जानें कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य?
– अक्टूबर 1996 से मार्च 2002 तक विधायक
– मार्च 1997 से अक्टूबर 1997 तक मंत्री
– सितंबर 2001 से अक्टूबर 2001 विधानसभा में नेता विपक्ष
– मई 2002 से अगस्त 2003 मंत्री
– पद्रौना विधानसभा सीट से विधायक
– कुल चार बार विधायक रहे।
– सितंबर 2001 से अक्टूबर 2001 विधानसभा में नेता विपक्ष
– मई 2002 से अगस्त 2003 मंत्री
– पद्रौना विधानसभा सीट से विधायक
– कुल चार बार विधायक रहे।