किर्गिस्तान में बर्ड हंटिंग फेस्टिवल ‘सालबुरुन’ की शुरुआत

बिश्केक । किर्गिस्तान (hunting festival) में बर्ड हंटिंग फेस्टिवल (hunting festival) ‘सालबुरुन’ मनाया गया। यह बिश्केक शहर से 30 किमी दूर चंकुरचक पठार में आयोजित किया गया। इसमें 15 से ज्यादा देशों के ईगल हंटर्स ने हिस्सा लिया। एक अनुमान के मुताबिक, किर्गिस्तान में 3000 से ज्यादा ईगल हंटर्स हैं।
इनमें से 300 से ज्यादा तो चंकुरचक पठार के इलाकों से हैं। चंकुरचक पठार की समुद्र से ऊंचाई 2400 मीटर है। ये बिश्केक और देश के साथ विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगह है। इसमें शामिल होने वाले लोग अपने उस चील या बाज को लेकर पहुंचते हैं, जिसे उन्होंने शिकार की ट्रेनिंग दी हो।
यह परिंदे इंसानों के साथ इतने घुले-मिले होते हैं कि अनजान लोगों के कंधे या हाथ पर आकर बैठ जाते हैं। इस उत्सव में भाग लेने वाले बारी-बारी से अपने गोल्डन ईगल को लोमड़ी या फिर खरगोश का शिकार करने के लिए छोड़ देते हैं। उत्सव में महिलाएं भी तीरंदाजी और तलवारबाजी में अपना दम दिखाने के लिए पहुंचती हैं।
इसके साथ ही घुड़सवारी में भी हाथ आजमाती हैं। हालांकि, मुख्य आकर्षण ईगल हंटिंग ही होती है। इस फेस्टिवल का आयोजन हर साल होता है। इस साल इसमें किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्की, मलेशिया, सिंगापुर, मंगोलिया, रूस, हंगरी, अमेरिका, जर्मनी, चेक गणराज्य, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इंडोनेशिया समेत मध्य एशिया के बर्ड हंटर्स ने हिस्सा लिया।