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बिपरजॉय (Biperjoy )हो रहा विकराल

राजकोट/सौराष्ट्र. चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ (Biperjoy ) के गुजरात की ओर बढ़ने के साथ ही तटीय जिले सौराष्ट्र और कच्छ में लाखों लोगों के लिए ये सप्ताह काफी भयानक होने वाला है. चक्रवात के पूरी तरह से पहुंचने में अभी देरी है, लेकिन इसने अपना असर दिखाना अभी से शुरू कर दिया है. इन क्षेत्रों में पेड़ों को उखाड़ने वाली तेज हवाओं की वजह से दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई. भुज कस्बे में एक दीवार गिरने से दो चचेरे भाई-बहन (चार साल का लड़का और छह साल की लड़की) को अपनी जांन गंवानी पड़ी, जबकि राजकोट के जसदण तालुका में स्कूटर पर एक बड़े पेड़ के गिरने से पति के साथ पिछली सीट पर बैठी एक महिला की मौत हो गई.

पीएम मोदी ने सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर की बात, दिया हर मुमकिन मदद का भरोसा
पीएम मोदी ने मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से टेलीफोन पर बातचीत करते हुए गुजरात में साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ को लेकर मौजूदा स्थिति और प्रशासन की तैयारियों की जानकारी ली. आपदा की स्थिति में गुजरात को पूरी मदद करने का भरोसा भी दिया. सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी.
15 जून तक कई जिलों में स्कूल बंद, 67 ट्रेनें रद्द
अधिकारियों ने बताया कि कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही पश्चिम रेलवे ने गुजरात से होकर गुजरने वाली करीब 67 ट्रेनों को भी चक्रवाती तूफान की वजह से रद्द करने का फैसला किया है. पश्चिम रेलवे ने तटीय गुजरात की तरफ जाने वाली अपनी 56 ट्रेनों को उनके गंतव्य से पहले ही समाप्त कर दिया. एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पश्चिम रेलवे अगले तीन दिनों में कुछ ट्रेनों को रद्द करने पर भी विचार कर रहा है. 13 जून से 15 जून के बीच करीब 95 ट्रेनों को रद्द करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है.
दक्षिण और उत्तर गुजरात के तटीय जिलों में 12 जून की सुबह से ही बारिश
अधिकारियों ने बताया कि कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं. दक्षिण और उत्तर गुजरात के तटीय जिलों जैसे वलसाड, गिर सोमनाथ, भावनगर और अमरेली के कुछ हिस्सों में सोमवार सुबह हल्की बारिश हुई.

सेना और नौसेना के संपर्क में है गुजरात प्रशासन
अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) के दलों को तैयार रखा गया है और प्रशासन सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के संपर्क में है. मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के 14 जून की सुबह तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ने का अनुमान है.
15 जून को कच्छ, द्वारका और जामनगर जिलों में बहुत भारी बारिश की आशंका
केंद्र ने राज्य सरकार को कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी सहित सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया है. आईएमडी ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है.
पीएम मोदी ने लिया हालात का जायजा, 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रूम बनाने का आदेश
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से निकाला जाए. बयान के अनुसार पीएम मोदी ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्षति होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया. प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और उन्होंने हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे चलने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया.
गुजरात के तटीय जिलों की ओर बढ़ रहा है बिजरजॉय
मौसम विभाग ने एक ट्वीट में कहा, ‘सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात अलर्ट… सोमवार सुबह 0830 बजे चक्रवात पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 450 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था. इसके 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह को पार कर जाने का अनुमान है.’
7500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, करीब 23 हजार और लोगों को ले जाने की तैयारी
अधिकारियों के अनुसार लगभग 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा. पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने कहा, ‘करीब 3,000 लोगों, खासकर मछुआरे और एक बंदरगाह पर काम करने वाले मजदूरों को कांडला स्थानांतरित कर दिया गया है. समुद्र के पास कुछ झुग्गियों के निवासियों को भी मांडवी स्थानांतरित कर दिया गया है। तट से 10 किमी के दायरे में स्थित गांवों के करीब 23,000 लोगों को मंगलवार को (अस्थायी) आश्रय घरों में ले जाया जाएगा.’

आईएमडी अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, ‘चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है. यह 15 जून को दोपहर के आसपास गुजरात के तट पर पहुंचेगा. इससे पहले 135-145 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और बहुत भारी बारिश होगी.’ उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ सहित अन्य क्षेत्रों में 15-16 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है और मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है.

15 जून को गुजरात के कच्छ जिले में दस्तक देगा बिपरजॉय
आईएमडी ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पत्तन के पास तट पर पहुंचने का अनुमान है. अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगा दिए गए हैं.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दर्जनों टीमें तैनात
गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दर्जनों टीमों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक को द्वारका के पास तट से दूर तेल खनन जहाज ‘की सिंगापुर’ से 50 कर्मियों को निकालने के लिए तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ तैयार अवस्था में रखा गया है.

गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के गुजरात में 15 जून को पहुंचने की आशंका के बीच राज्य में एक विस्तृत निकासी योजना बनाई गई है और प्रशासन ने 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के दौरान गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बचाव दल चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के मार्ग में संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहे हैं.

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