Bihar के नवादा में बड़ा हादसा
बिहार(Bihar) के नवादा के रजौली थाना क्षेत्र की हरदिया पंचायत अंतर्गत भानेखाप में अवैध अभ्रक खदान की चाल धंसने से एक 15 वर्षीय लड़की की मौत हो गई, जबकि घटना में चार अन्य लोग फंस गए। जानकारी के अनुसार, उनमें से बचाए गए दो लोगों की हालत गंभीर हैं। वहीं, दो अन्य की तलाश की जा रही है। जौली मुख्यालय से घटनास्थल की दूरी करीब 14 किलोमीटर है। मृतकों की संख्या का वास्तविक आंकड़ा साफ नहीं हो सका है।
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घटनास्थल का पूरा इलाका नक्सल प्रभावित और जंगल व पहाड़ी क्षेत्र है। हादसे के शिकार सभी मजदूर चाल के अंदर घुसकर अभ्रक निकालने के काम में सुबह पहुंचे थे। स्थानीय थाना की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। रजौली क्षेत्र में वर्षों से अवैध अभ्रक का खनन किया जा रहा है। इस तरह के हादसे पूर्व में भी हो चुके हैं। रजौली के एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष ने कहा कि पुलिस की टीम घटनास्थल की ओर गई है। उनके लौट कर आने के बाद ही कोई सही जानकारी दी जा सकती है।
एक युवती की मौत, 2 अन्य की हालत गंभीर-
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की सुबह पांच लोग अवैध अभ्रक खदान से अभ्रक निकालने गए थे। इसी दौरान चाल धंस गयी। इसमें एक युवती की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, घटना के बाद दो लोगों को निकाला गया जिनकी हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। दोनों घायलों को जिन्हें तिलैया अस्पताल ले जाया गया है। वहीं, दो अन्य लोगों की खोजबीन की जा रही है।
माफियाओं का सेफ जोन बना भानेखाफ-
भानेखाफ माफियाओं का सेफ जगह बना हुआ है।भानेखाप के जंगलों में अवैध माइका खनन की रोक लगाने में वन विभाग के कर्मी एवं प्रशासन नाकाम रहे हैं। हरदिया पंचायत के वन क्षेत्र में लगभग दर्जन भर छोटे बड़े माइका माइंस संचालित हो रहे हैं। खनन में झारखंड के कोडरमा जिले के लोग शामिल रहे हैं। इलाके के लोग बता रहे हैं कि पुलिस के लेट से पहुंचने के कारण शव को ठिकाने लगा दिया गया है। बहुत छानबीन के बावजूद भी पुलिस शव को हासिल नहीं कर पाई है। पुलिस भी कुछ बताने से परहेज कर रही है।
ग्रामीण अथवा पीड़ित परिवार भी माफियाओं के डर से मुंह नहीं खोल रहे हैं। इस माइंस पर कई बार आधुनिक बंदूक चमकाया गया है। भानेखाप जाने के लिए फुलवरिया जलाशय के बगल के रास्ते अब सड़क बन गई है। माफिया का सूचना तंत्र काफी मजबूत होने के कारण पुलिस की छापेमारी या अन्य प्रकार की गतिविधि का पहले ही पता चल जाता है। वे सतर्क होकर कार्य में लगे मशीनरी व विस्फोटक सामग्री को माइंस से हटाकर गांव या जंगल में छुपा कर फरार हो जाते हैं