सितारगंज सेंट्रल जेल (-central-jail)से मोबाइल फोन मिलने के बाद बड़ी जांच शुरू

सितारगंज. उधमसिंह नगर ज़िले की सितारगंज सेंट्रल जेल (-central-jail) में कैदियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 60 मोबाइल फोन मिलने से हड़कंप मच गया. जेल प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए कैदियों ने मोबाइल, बैट्री और चार्जर ज़मीन के नीचे गाड़ रखे थे. जेल अधीक्षक ने खुदाई करवाकर फोन बरामद किए तो कोतवाली में केस दर्ज किया गया. जेल के भीतर से इतनी संख्या में मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रशासन के साथ ही पुलिस विभाग में भी सनसनी देखी जा रही है. बीते अगस्त महीने में भी डीआईजी के छापे में जेल से 3 मोबाइल फोन मिले थे, उसके बावजूद इस घटना के खुलासे को साफ तौर पर लापरवाही माना जा रहा है और अब एसपी क्राइम और एडीएम भी मामले की तह तक जाने के लिए जेल पहुंचे.
जेल प्रशासन को ये इनपुट तो मिल रहे थे कि कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, पर फोन बैरकों में नहीं मिल पा रहे थे. जेल अधीक्षक अनुराग मलिक ने प्रभारी कारापाल एवं बंदीरक्षकों की एक टीम बनाई. इस टीम ने 7 सितंबर की रात 11ः20 बजे तमाम बैरकों एवं बाहर पड़े मैदानों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान बंदी बैरकों की तलाशी और बाहरी मैदानों की खुदाई करने पर 60 मोबाइल, कुछ चार्जर व बैटरियां मिलीं. बताया जा रहा है कि कैदियों ने फोन के बारे में जानकारी से इनकार किया. हालांकि अब जेल की सुरक्षा और जेल के भीतर से हो रही आपराधिक गतिविधियों को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
कुख्यात डाॅन बंद है जेल में
सेंट्रल जेल में जिला पुलिस प्रशासन का सर्च अभियान साढ़े 8 घंटे तक चला. मेटल डिटेक्टर और डॉग स्क्वाड ने 24 बैरकों, मैदान, स्टोर और किचन की जांच की. सेंट्रल जेल में कुख्यात डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी समेत 600 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं. ऐसे में इस तरह फोन मिलने से जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं, तो सुरक्षाकर्मियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है.
किसने मुहैया करवाए जेल में फोन?
मलिक ने बरामद मोबाइल पुलिस को सौंपकर कहा कि कैदियों ने इन फोन के ज़रिये कोई गैर कानूनी काम या संदिग्ध संपर्क तो नहीं किए, इसकी जांच की जाए. बताया जा रहा है कि अब सारे फोन नंबरों के काॅल डिटेल निकाले जा रहे हैं. इसके बाद कैदियों से पूछताछ की जाएगी और मोबाइल उपलब्ध कराने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा. सितारगंज कोतवाल प्रकाश दानू ने पुलिस जांच की पुष्टि की.
एसपी, एडीएम ने रेड की थी, तब नहीं मिले थे फोन
इससे पहले 9 अगस्त को डीआईजी जेल दधिराम मौर्य ने जब सेंट्रल जेल में छापेमारी की थी, तब उन्हें तीन कैदियों के पास से तीन मोबाइल मिले थे. साथ ही नगदी और अन्य सामान भी. तब मौर्य ने कहा था कि जेल में बंद कैदियों द्वारा फोन से धमकी दिए जाने की शिकायतें मिल रही थीं इसलिए छापा डाला गया था. इस छापे के अगले दिन एडीएम जयभारत सिंह और एसपी सिटी मनोज सिंह कत्याल ने जेल का निरीक्षण कर सभी बैरकों की तलाशी ली थी, पर मोबाइल फोन नहीं मिले थे.
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