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मद्रास हाईकोर्ट भ्रष्टाचार(corruption) को लेकर बड़ी टिप्पणी

चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने भ्रष्टाचार  (corruption) के लिए आईएएस, पीसीएस, राजनेताओं नौकरशाहों के गठजोड़ को जिम्मेदार बताया है. न्यायिक सेवा को भी नहीं बख्शा गया. मद्रास हाईकोर्ट ने भ्रष्ट प्रथाओं के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान में देश में ‘भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो गई हैं और यह अनियंत्रित और निर्बाध रूप से सरपट दौड़ रहा है. ये टिप्पणी एम राजेंद्रन द्वारा दायर याचिका में की गई, जो सरकारी कर्मचारी है और जिनके खिलाफ अन्य व्यक्तियों के साथ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में कार्रवाई शुरू की गई.

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि हमारा महान राष्ट्र किस प्रकार भ्रष्टाचार में और अधिक डूबता जा रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान भारत में भ्रष्टाचार सभी स्तरों और सभी सेवाओं में व्याप्त है, यहां तक कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और न्यायिक सेवा को भी नहीं बख्शा गया.’ जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि भ्रष्टाचार ऐसी बीमारी है, जो समाज के सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक ताने-बाने को नष्ट कर देती है और महत्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली को नष्ट कर देती है.

उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार न केवल अवैध कार्यों में पाया जाता है, बल्कि कानूनी लेनदेन के लिए भी रिश्वत की मांग और स्वीकृति सरकारी विभागों और पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर पाई जाती है. अत: पीड़ित व्यक्तियों द्वारा दी गई शिकायतों पर उचित कार्रवाई शुरू करके ही इस संबंध में जनता की राय को दूर किया जा सकता है. इसलिए उच्च अधिकारियों से भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में संवेदनशील होने की उम्मीद की जाती है.’

राजेंद्रन द्वारा दायर याचिका पर की टिप्पणी
अदालत ने राजेंद्रन द्वारा दायर याचिका पर कहा कि हालांकि राजेंद्रन ने कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के विशिष्ट आरोप लगाए, लेकिन गृह सचिव, डीजीपी या पुलिस अधीक्षक द्वारा इस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया. अदालत ने कहा ‘भ्रष्ट लोक सेवकों के मन से भ्रष्टाचार कानूनों का डर खत्म हो गया है. राजनेताओं और नौकरशाहों का गठजोड़ भ्रष्ट अधिकारियों को कानून के शिकंजे से बचने की उम्मीद देता है.

 

 

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