भव सागर से पार लगती है भागवत , भागवत कथा है जीवन का सार- आचार्य सिंधु कुमार मृदुल
बिछवा – विकासखंड सुल्तानगंज के गांव धनमऊ में जगतप्रकाश पांडे के आवास पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन बोलते हुए आचार्य सिंधु कुमार मृदुल ने कहा कि संसार के सभी निवासियों व आम जनमानस के लिए भागवत जीवन का सार है। कथा में प्रवचन देते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है जो हमारे जीवन को प्रत्येक संघर्षों से निकल सकता है साथ ही जीवन जीने की कला हमें भागवत व राम कथा से मिलती है। इस माया रुपी दुनिया में मतलब के लिए लोग गलत कार्य करते हैं
लेकिन उसका परिणाम मनुष्य को भुगतना पड़ता है। संसार में मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार दंड विधान मिलता है। संसार में कुछ लोग देखते हैं कि गलत कर्म करने वाले काफी खुशहाल दिखाई देते हैं लेकिन वह सिर्फ क्षण मात्र का है जिस दिन उनके पुनर्जन्मों के जो पुण्य है जिस दिन नष्ट हो जाएंगे वह बिल्कुल धरातल पर नजर आएंगे। मनुष्य को दिखावे की जिंदगी से अलग हटकर वास्तविक रूप में जीना चाहिए मनुष्य इस संसार में किस लिए आया है यह उसे ज्ञान होना चाहिए जिस दिन मनुष्य इस बात का उसे बोध हो जाएगा यह जीवन धन्य हो जाएगा। भागवत कथा में जगत प्रकाश पांडे के साथ सुमित कुमार श्याम राघव रोहित शिव कुमार हरिश्चंद्र पांडे चंद्रशेखर चंद्रभान विश्वनाथ उमाशंकर के साथ सैकड़ो क्षेत्र के श्रद्धालु मौजूद रहे।