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.हरियाणा में छिड़ी 3-D बनाम 3-P (3D vs 3P)की जंग

चंडीगढ़. हरियाणा में इन दिनों 3डी बनाम 3पी (3D vs 3P) की लड़ाई चल रही है. केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह के सिरसा दौरे के दौरान दिए गए भाषण से ये वाक युद्ध छिड़ा है.

अमित शाह ने कहा कि हरियाणा में दस साल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 3डी की सरकार चलाई. यानी दरबारी, दामाद (राबर्ट बढेरा) और डीलर. यहां पर अमित शाह हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने आए थे. उनके आने से पहले पन्ना प्रमुखों की बैठकों के साथ तैयारी की गई. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी जनसंवाद के बहाने लोगों के बीच गए. गृहमंत्री अनिल विज ने भी अपनी सक्रियता बढ़ाई. बावजूद यह बात सामने आ रही है कि यदि भाजपा के चाणक्य थ्री डी लेकर आए हैं तो कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो पहले से ही थ्री पी फार्मूले के साथ जनता के बीच जा रहे हैं. ये थ्री पी हैं…पेंशन, परिवार पहचान पत्र और पोर्टल.

भूपेंद्र हुड्डा कहते है कि इस सरकार में हर व्यक्ति इन थ्रीपी से परेशान है. परिवार पहचान पत्र को दीपेंद्र सिंह हुड्डा परिवार परेशान पत्र कहते हैं, साथ ही कहते हैं कि पोर्टल ही इतने हो गये कि डिजिटल काम करने वालों की चांदी हो गई है. किसान कृषि पोर्टल से परेशान हैं.

परिवर्तन यात्रा पर निकले इनेलो विधायक व महासचिव अभय चौटाला भी इन थ्री पी को निशाने पर ले रहे हैं. वे कहते हैं कि परिवार का एक सदस्य तो इन्हीं पोर्टल को पूरा करने में लगा रहता है. इस तरह जनता को यह तय करना होगा कि थ्री डी से छुटकारा पाने के लिए वोट करना है या थ्री पी से छुटकारा पाने के लिए बटन दबाना है.
मख्यमंत्री मनोहर लाल इसी 3-पी को अपनी सरकार की ताकत बताते हैं और कहते हैं कि इससे हरियाणा के लोगों की जिंदगी में एक अविश्वसनीय बदलाव आएगा और हरियाणा की आगामी पीढ़ी भी इससे बहुत लाभान्वित होग. भाजपा ने इन दिनों लोकसभा स्तर पर रैली करके अपना चुनावी बिगुल बजाया हुआ है. ऐसे में अब जनता को तय करना है कि वह 3 डी की सरकार चाहते हैं या 3 पी की.

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