वाणिज्य कर के बाकीदारों के बैंक खाते अटैच किया जायें, फर्म बंद होने की दशा में बकायेदारों की अन्य चल-अचल संपत्ति अटैच कर बकाया धनराशि की वसूली की जाए- जिलाधिकारी

मैनपुरी( ब्यूरो रिपोर्ट): जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कर करेत्तर राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा के दौरान असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि तहसीलों में विद्युत, परिवहन, आबकारी, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, खनिज की बड़ी संख्या में आर.सी. वसूली हेतु लंबित हैं, उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों द्वारा बकाया राजस्व वसूली में रुचि नहीं ली जा रही है जबकि तहसीलों का मुख्य कार्य राजस्व वसूली का है। उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों को निर्देशित करते हुए कहा कि सप्ताह में कम से कम 03-04 दिन क्षेत्र में निकल कर स्वयं आर.सी. की बसूली करें, प्रत्येक मद के बड़े बकायादारों की सूची बनाकर स्वयं उनकेघर जाकर वसूली करना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागवार लम्बित आर.सी. की बसूली की समीक्षा के दौरान पाया कि वाणिज्यकर विभाग द्वारा 233 आर.सी. बसूली हेतु उपलब्ध करायी गयी थी, लेकिन समस्त तहसीलों से बाकीदार का पता गलत होने, बाकीदार के न मिलने की टिप्पणी अंकित कर सभी 233 आर.सी. वापिस कर दी, जिस पर उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए उप जिलाधिकारियों से कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी अंकित कर आर.सी. वापिस न की जाये बल्कि आर.सी. में बैंक खाते के साथ बाकीदार की अन्य चल-अचल सम्पत्ति अटैच की जाये।
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श्री सिंह ने उप जिलाधिकारियों से कहा भूमि संबंधी विवादों से प्राप्त शिकायतों का प्राथमिकता पर निदान करें, फरियादी की बात सुन शिकायतकर्ता की शिकायत का गुणवत्तापरक, समयबद्ध निराकरण हो उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, एसओसी चकबंदी को निर्देशित करते हुए कहा कि न्यायालय में पूरा समय दें दायरा के अनुसार वादों का निराकरण करें, 05 वर्ष पुराने वादों का सर्वोच्च प्राथमिकता पर निराकरण किया जाये, उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सभी तहसीलों में धारा 24 पक्की पैमाइश के वाद निर्धारित समय सीमा के पश्चात भी लम्बित हैं, सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार धारा-24 के लम्बित वादों को अभियान चलाकर निस्तारित करायें। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यालय में विशेष तौर पर न्यायालय कोर्ट में कोई बाहरी व्यक्ति किसी भी दशा में कार्य न करें, कहीं भी अनाधिकृत धनराशि का लेनदेन न हो सुनिश्चित किया जाए, उप जिलाधिकारी नियमित रूप से नायब तहसीलदार कोर्ट का निरीक्षण करें, राजस्व न्यायालय पूरी पारदर्शिता के साथ वादों का निराकरण किया जाए।
जिलाधिकारी ने कृषि, आवास, कुम्हेरी कला पट्टा आवंटन की खराब प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए उप जिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए सभी उप जिलाधिकारियों से कहा कि इस माह के अंत तक पट्टा आवंटन के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति करना सुनिश्चित करें पट्टा आवंटन में पूरी पारदर्शिता बरती जाए भूमिहीन व्यक्तियों को आवंटन में वरीयता दी जाए। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सभी तहसीलों में बड़ी संख्या में आय, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के लिए लम्बित हैं सबसे अधिक संख्या तहसील भोगांव में है, जिस पर उन्होंने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार भोगांव को चेतावनी जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार निर्धारित समय सीमा में आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि अपनी-अपनी तहसील के प्रत्येक लेखपाल से भूमि विवाद रजिस्टर बनवाना सुनिश्चित करें, भूमि विवाद रजिस्टर को नायब तहसीलदार साप्ताहिक रूप से, तहसीलदार पाक्षिक रूप से एवं उप जिलाधिकारी मासिक रूप से सत्यापित करें, किसी भी गांव में भूमि सम्बन्धी विवाद न रहे। बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, राजस्व अधिकारी राम नरायण डिप्टी कलेक्टर संध्या, नितिन कुमार, उप जिलाधिकारी मैनपुरी, भोगांव, करहल, किशनी, घिरोर कुरावली. अभिषेक कुमार, अंजली सिंह, गोपाल शर्मा, योगेन्द्र कुमार, राजकुमार ध्रुव शुक्ला, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सलिल द्विवेदी, प्रशासनिक अधिकारी हरेन्द्र कुमार कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी, समस्त तहसीलदार, अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।