हल्दी की रस्म में पीले कपड़ों ( yellow clothes )पर पाबंदी

पाली. शादियां आजकल काफी फैंसी हो गई हैं. थीम बेस्ट मैरिज, डीजे, डांस और बड़ी पार्टियों का लोगों के बीच काफी क्रेज हैं. शादी की हर रस्मों पर फैशन का रंग चढ़ता जा रहा है, लेकिन राजस्थान में ठीक इससे उल्टा हो रहा है. पाली के कुमावत समाज के 19 खेड़ों ने शादी के लिए कुछ ऐसी अनोखी शर्त रखी है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, कुछ दिन पहले समाज की एक अहम बैठक हुई थी. इसमें तय किया गया है कि अगर दूल्हे की दाढ़ी हुई तो साथ फेरे नहीं होंगे. दूल्हा क्लीन शेव ही चाहिए. इसके साथ ही हल्दी की रस्म में पीले कपड़े ( yellow clothes ) और फूल नहीं होंगे. इतना ही नहीं शादी में फिजूलखर्ची हुई तो जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
बैठक में समाज ने फैसला लिया है कि शादियों में फिजूलखर्ची को रोका जाएगा. समाज का मानना है कि फैशन के नाम पर आजकर दूल्हे दाढ़ी बढ़ाकर शादी की रस्में निभातें हैं, लेकिन शादी में ऐसा ठीक नहीं. इतना ही नहीं समाज में मायरे में दिए जाने वाले तोहफो, जेवर और खाने को लेकर भी कई तरह के फैसले लिए हैं.
बैठक में समाज ने तय किया है कि डीजे पर बिंदौली नहीं निकाली जाएगी. इतना ही नहीं दुल्हन को चढ़ाए जाने वाले सोने-चांदी की मात्रा भी तय कर दी है. इतना ही नहीं बैठक में शादी के दौरान अफीम के उपयोग पर भी रोक लगा दी है. इसके साथ ही सगाई के वक्त दुल्हन को दिए जाने वाले कपड़े, सोने और चांदी के जेवर की मात्रा भी तय कर दी है. मायरे पर भी दी जाने वाली चीजों की लिमिट तय हो गई है. समाज ने तय किया है कि ल्दी की रस्म पुरानी परंपरानुसार ही निभानी होगी.
समाज का कहना है कि यह नियम पाली में रहने वाले समाज के लोगों के अलावा उन लोगों पर भी लागू होगा जो प्रवासी हैं. उनका कहना है कि गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य शहरों में भी समाज के लोग रहते हैं. अगर उनके यहां भी शादी का समारोह होता है तो उन्हें इन सारे नियमों का पालन करना होगा. अगर नियम नहीं माने जाते तो जुर्माना भी लगाया जा सकता है.