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Azam khan के सपा को बाय-बाय कहने के संकेत !

रामपुर –  समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा संकट सामने खड़ा है। विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों के बड़े हिस्से पर हाथ साफ करने वाली पार्टी के जेल में बंद नेता मोहम्मद azam khan के पार्टी को बाय-बाय कहने के संकेत आ रहे हैं। रविवार को उनके समर्थकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा। यहां तक कह दिया कि अखिलेश को हमारे कपड़ों से बदबू आती है।  आजम खां और उनके परिवार के खिलाफ काफी मामले होने के बाद भी कुछ होता ना देख आजम खां के समर्थक समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से काफी खफा हैं। आजम खां के समर्थकों के सब्र का बांध टूट गया है।

समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और रामपुर शहर से लगातार दसवीं बार विधायक चुने गए आजम खां इस समय जेल में बंद हैं। उनके नजदीकी समर्थकों ने रविवार को पार्टी कार्यालय पर बुलाई। इसमें सीधे निशाने पर अखिलेश आ गए। आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने तो कह दिया कि चुनाव में पूरे प्रदेश में मुसलमानों ने सपा को एकतरफा वोट दिया, इससे ही सपा सवा सौ सीटों पर पहुंची। अब अखिलेश यादव मुसलमानों का साथ नहीं दे रहे हैं।

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आजम खां दो साल से भी ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद हैं, वह पार्टी के अहम नेता हैं लेकिन इसके बाद भी अखिलेश केवल एक बार उनसे मिलने जेल गए हैं। उन्हें विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तक नहीं बनाया गया। पार्टी में मुसलमानों को भी कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। वह गुस्से में यहां तक बोल गए कि अब अखिलेश को हमारे कपड़ों से बदबू आती है।

azam khan
azam khan

 

आजम खां जेल से रिहा होंगे तो हम उनसे बात करेंगे कि अब निर्णायक फैसला लें।शानू   का यह कहना सामान्य बात नहीं है। वह अब तक आजम की स्वीकृति के बिना कभी कोई बयान नहीं देते हैं। जेल में जाने के बाद आजम की बात वही कहते रहे हैं। उधर, सूत्रों का कहना है आजम के नजदीकियों के बीच नई पार्टी के गठन पर बात भी चल रही है।

माना जा रहा कि आजम को ज्यादातर मुकदमों में जमानत मिल चुकी है, ऐसे में वह जल्दी ही बाहर आ जाएंगे। उधर, सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कहा कि पार्टी की बैठक में जो कहा गया है, उसको लेकर वह अखिलेश यादव को पूरी जानकारी भेजेंगे।

पहले इमरान प्रतापगढ़ी ने कही थी यही बात

आजम को जेल गए हुए लगभग सवा दो साल होने वाले हैं। इस दौरान अखिलेश एक बार ही उनके घर आए हैं। पूर्व में इमरान प्रतापगढ़ी ने यही बात उठाई थी तो अखिलेश आजम के घर पहुंच गए थे। दूसरी बार बीते विधान सभा चुनाव में यहां आए थे। आजम समर्थकों का मानना है कि विस टिकट में भी आजम समर्थकों का अखिलेश ने ख्याल नहीं रखा। बदायूं से आबिद रजा जैसे नेता जिनकी जीत तय मानी जा रही थी, उनका पत्ता साफ कर मुंबई में काम कर रहे बिल्डर को टिकट थमा दिया।

शहजिल मामले में चुप्पी नहीं आ रही रास –  आजम समर्थकों को बरेली में भोजीपुरा के विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ मुकदमे और उनके पेट्रोल पम्प पर तोड़फोड़ की कार्रवाई में अखिलेश की चुप्पी रास नहीं आ रही. उनका मानना है यदि अखिलेश तीखे तेवर अपनाते तो तोड़फोड़ नहीं होती। शहजिल ने यह बयान कोई पूर्व नियोजित तरीके से नहीं दिया था, वह समर्थकों में जोश भरने में बोल गए थे।

एक बार सपा से दूर हो चुके हैं आजम : कभी मुस्लिमों में फायरब्रांड नेता की छवि रखने वाले आजम खां एक बार पहले भी सपा से दूर हो चुके हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में अमर सिंह के कहने पर मुलायम ने रामपुर से जया प्रदा को लोकसभा चुनाव लड़ा दिया था। इस पर गुस्साए आजम अलग हो गए थे। यहां तक कि फिरोजाबाद के चुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ प्रचार को पहुंच गए थे। वह चुनाव हार गई थीं। इसके बाद मुलायम उन्हें मनाने के लिए रामपुर आए थे।

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