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मोदी सरकार के दौरान घटी राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति की औसत उम्र !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के बाद से देश के राष्ट्रपतियों व उपराष्ट्रपतियों की औसत उम्र में कमी आई है। सबसे कम उम्र में द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बन चुकी हैं। उन्होंने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 10 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए। ऐसे में वह भी 1979 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सबसे कम उम्र के उपराष्ट्रपति थे। दरअसल, रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से पहले औसत उम्र 71.9 वर्ष थी। मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद यह घटकर 71.4 वर्ष हो गई। वहीं, अगर उनके पांच साल के कार्यकाल को ध्यान में रखा जाए, तो राष्ट्रपतियों की औसत सेवानिवृत्ति की उम्र मौजूदा 76.8 से घटकर 76.3 साल हो जाएगी। बता दें, पद ग्रहण करने वाले सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति 1894 में जन्मे वीवी गिरि थे, 75 वर्ष की आयु के थे।

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति

स्वतंत्र भारत में जन्मीं पहली राष्ट्रपति मुर्मू

आदिवासी समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति बनी हैं। वहीं देश के पहले चार राष्ट्रपतियों का जन्म 19वीं सदी के अंत में हुआ था। इसके अलावा पहले चार उपराष्ट्रपतियों का जन्म भी 19वीं शताब्दी के अंत में हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अगस्त को राज्यसभा में कहा भी था कि हम इस बार स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, (लोकसभा) अध्यक्ष और प्रधान मंत्री सभी स्वतंत्र भारत में पैदा हुए हैं। ये सभी बेहद साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं।

मोदी सरकार के दौरान घटी राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति की औसत उम्र !

स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे नायडू

स्वतंत्र भारत में पैदा हुए पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू थे। उन्होंने 73 साल की उम्र में पद छोड़ा। नायडू एकमात्र ऐसे राजनीतिक हैं, जिन्हें सीधे केंद्रीय मंत्रिमंडल उपराष्ट्रपति बनाया गया है। 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी उप राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से पहले पश्चिम बंगाल में गवर्नर की भूमिका में थे।

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