अंतराष्ट्रीयदिल्ली

इस्लामिक जिहाद को खतरा बता गाजा में हमले

नई दिल्ली । इजराइल (attack) ने 6 अगस्त को गाजा पट्‌टी पर अचानक हमला (attack) कर दिया। इस बार निशाना हमास की जगह फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद नाम का संगठन था। इजराइल इन संगठनों को अपने लिए खतरा मानता है।

पश्चिमी देशों ने कहा कि इजराइल को अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है, लेकिन उसके ऑपरेशन का निशाना आम लोग नहीं बनना चाहिए। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑपरेशन के दो दिन के बाद लड़ाई बंद करने की अपील की, जिसे इजराइल ने नजरअंदाज कर दिया। दोनों तरफ से एक-दूसरे पर सैकड़ों रॉकेट दागे गए।

पिछले साल मई में 11 दिन चली लड़ाई के बाद यह गाजा पर सबसे बड़ा हमला था। मिस्र की मध्यस्थता से ये लड़ाई रुक गई। अल जजीरा के मुताबिक, 6 से 8 अगस्त के बीच इजराइली हमले में 47 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई। इनमें 16 बच्चे हैं। अब दो सवाल उठते हैं।

पहला कि इजराइल ने एक साल की शांति के बाद इतना बड़ा ऑपरेशन किया क्यों? और दूसरा इससे उसे हासिल क्या हुआ। इस बार के ऑपरेशन से इजराइल हमास और इस्लामिक जिहाद के बीच मतभेद पैदा करने में भी कामयाब रहा। गाजा के कुछ हिस्सों पर इस्लामिक जिहाद का नियंत्रण है।

ज्यादातर हिस्से पर 2007 के बाद से हमास का कब्जा है। इजराइल हमास को आतंकी संगठन मानता है। ऑपरेशन ब्रेकिंग डॉन के दौरान हमास ने इजराइल के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हमास इस लड़ाई में शामिल हो जाता, तो ये और भी लंबी खिंच सकती थी। इससे मरने वालों की तादाद भी बढ़ जाती।

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