सिंगल यूज प्लास्टिक और गरीबी दोनों पर एक साथ वार
वाराणसी । कटोरा (single use plastic) लेकर भीख मांगने वाले अब बंबू यानी कि बांस का बना इकोफ्रेंडली ब्रश बेच रहे हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) और गरीबी दोनों पर एक साथ वार करने की यह योजना BHU के छात्रों ने बनाई है। BHU के सीर गेट और छित्तूपुर इलाके में कुछ स्लम एरिया हैं। फाइबर या प्लास्टिक की ब्रश का उपयोग घटेगा।
कहा कि बांस का ब्रश वे लोग खुद बनवाते हैं और उसकी कॉस्टिंग का पैसा लेकर बाकी पूरा प्रॉफिट गरीबों को ही दे दिया जाता है। यह ब्रश काफी मजबूत है। छात्रों का कहना है कि यहां न तो सरकार की कोई योजना पहुंचती हैं और न ही कोई नेता। यहां तक कि प्राइमरी एजुकेशन, पक्के घर और गैस-सिलेंडर के कनेक्शन तक भी नहीं है।
हाल ही में इन लोगों ने आधार कार्ड तो बनवा लिया है। मगर, आज भी लोग बिना किसी पहचान के मजदूरी या मांगकर पेट भरते हैं। इस ब्रश का दाम मार्केट से आधा 30 रुपए रखा गया है। ऑनलाइन मार्केट में बांस के ब्रश की कीमत 45 से 150 रुपए तक बिकते हैं। यह ब्रश खुद से ऑर्डर देकर बनवाया जा रहा है।
BHU सोशल साइंस के छात्र अब खुद से फंड जुटा कर इन बेगारों के हाथ से कटोरा को रिप्लेस कर बांस का इकोफ्रेंडली टूथब्रश थमाया है। ब्रश का नाम “स्नोड्रॉप BHU’ है।स्लम में रह रहे लोगों के बच्चे जो बिना कपड़ों के रहते थे, उन्हें यूनिफॉर्म दिया, जूट का बैग और प्राइमरी स्कूल में दाखिला दिलाने के साथ रोजाना स्कूल तक छोड़ने भी जाते हैं। करीब 50 की संख्या में गरीब बच्चाें का एडमिशन कराया गया है। साथ ही उन्हें ट्यूशन और पढ़ाई से जुड़े जरूरी किताब-कॉपी और पेन भी उपलब्ध कराते हैं।