अरविंद केजरीवाल पर विपक्ष के साथ मिलकर ‘बेचारा पॉलिटिक्स’ खेलने का आरोप
नई दिल्ली : दिल्ली शराब मामले में आम आदमी पार्टी पर बीजेपी लगातार हमलावर है. दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मास्टरमांइड हैं और वो इस जांच से बच नहीं सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम तीन महीने से केजरीवाल सरकार से शराब नीति पर सवाल पूछ रहे हैं और वह जवाब ना देकर सवालों को टाल रहे हैं. भाजपा ने केजरीवाल सरकार से ईडी की रिपोर्ट को लेकर चार नए सवाल पूछे हैं. साथ ही कहा कि अरविंद केजरीवाल और सांसद संजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही बीजेपी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर विपक्ष के साथ मिलकर ‘बेचारा पॉलिटिक्स’ खेलने का आरोप लगाया है.
वीरेन्द्र सचदेवा ने ईडी की चार्जशीट का हवाला देते हुए केजरीवाल सरकार से चार सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने होलसेल बिजनेस प्राइवेट हाथों में क्यों दिया जबकि शराब नीति की कमेटी की ओर से प्रस्ताव रखा गया था कि सरकार होलसेल बिजनेस को अपने हाथों में रखे? जब एक्सपोर्ट कमेटी की ओर से प्रस्ताव में कमीशन 5 फीसदी थी तो केजरीवाल ने बिना अप्रूवल के ही इसको 12 फीसदी क्यों किया? जबकि यह सब अरविंद केजरीवाल के कहने पर उनके घर पर हुआ. उन्होंने कहा कि यह मनीष सिसोदिया के पीएस ने ईडी को दिए अपने बयान में बताया है.
सचदेवा ने सवाल किया कि तेलंगाना के सीएम की बेटी के कविता का कहना है कि उनका शराब घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन वो यह नहीं बता रही हैं कि उनके विजय नय्यर, अरुण पिल्लई, बुच्ची बाबू और दिनेश अरोड़ा से क्या संबंध हैं? उन्होंने आज तक इनके साथ संबंध का खंडन भी नहीं किया है.
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हरीश खुराना ने कहा कि ईडी की जांच रिपोर्ट में AAP सांसद संजय सिंह का भी नाम सामने आया है. दिनेश अरोड़ा ने खुद अपने बयान में कहा है कि संजय सिंह ने खुद कॉल करके कहा था कि दिल्ली में चुनाव आने वाले हैं और आम आदमी पार्टी को फंड की आवश्यकता है और इसके बाद रेस्टोरेंट की टाइमिंग 3 बजे तक बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि संजय सिंह ने पैसे लेकर यह काम किया गया. हमारी मांग है कि अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की भूमिका की जांच एजेंसियों से जांच होनी चाहिए.
खुराना ने ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि एक्साइज डिपार्टमेंट ने खुद लिखित रूप से मनीष सिसोदिया को शराब माफियाओं का 144 करोड़ रुपये माफ करने के लिए मना किया था, लेकिन सिसोदिया ने पैसे लेकर 144 करोड़ रुपये माफ किए.