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अमेरिका ने 11वीं सदी की विष्णु लक्ष्मी की मूर्ति और 40 लाख डॉलर की कीमती वस्तुएं भारत को लौटाईं !

15 साल की जांच के बाद अमेरिका ने 307 अमूल्य वस्तुओं को भारत को लौटाया हैं। ये तस्करी की गई थी। जिनकी कीमत लगभग चार मिलियन डॉलर है। 307 में से 235 अमूल्य वस्तुएं मैनहटन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय ने ऑर्ट डीलर सुभाष कपूर से जब्त की हैें। ये भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, और अन्य देशों से तस्करी कर अमेरिका ले जाई गई थी।

मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा कि न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक प्रत्यावर्तन समारोह के दौरान सभी वस्तुओं को जब्त करने की कार्रवाई की गई। इस दौरान भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल और यूएस होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशन के कार्यवाहक डिप्टी स्पेशल एजेंट-इन-चार्ज क्रिस्टोफर लाउ मौजूद थे। इनमें कई चीजों को चुराया गया और उनकी तस्करी की गई।

ब्रैग ने कहा, हमें भारत को कीमती सामान लौटाने पर गर्व है। लौटाए जा रहे सामान में आर्क परिकारा भी है, जिसे संगमरमर से तैयार किया गया है और यह 12-13वीं शताब्दी की है। लगभग 85,000 अमेरिकी डॉलर की कीमत वाली आर्क परिकारा कपूर के पास से जब्त किया गया। प्राचीन वस्तुओं में शामिल कुछ तस्वीरों को भी डीलर सुभाष कपूर से जब्त किया गया है। ये तस्वीरें भारत से न्यूयॉर्क मई 2002 में तस्करी कर भेजी गई थी।

आर्क परिकारा को नाथन रुबिन इडा लड्ड फैमिली फाउंडेशन को दान किया

 

आर्क परिकारा को नाथन रुबिन इडा लड्ड फैमिली फाउंडेशन को दान किया, जिन्होंने 2007 में येल यूनिवर्सिटी आर्ट गैलरी को इस दान कर दिया। होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन न्यूयॉर्क के कार्यवाहक विशेष एजेंट प्रभारी माइकल अल्फोंसो ने कहा कि पंद्रह साल की जांच के बाद इन वस्तुओं को पकड़ा गया हैं।

इसके अलावा डीलर नैन्सी वीनर से कीमती वस्तुएं जब्त की गई है। इन्हें पिछले साल साजिश और चोरी की संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था। एक बड़े नेटवर्कों के जरिए भारत से चुराकर 60 से अधिक अमूल्य वस्तुओं को तस्करी कर लाया गया।

इसमें कहा गया है कि कपूर और उनके सह-प्रतिवादी आमतौर पर मैनहट्टन में लूटी गई पुरावशेषों की तस्करी करते थे और मैडिसन एवेन्यू स्थित अपनी गैलरी, आर्ट ऑफ द पास्ट के माध्यम से अमूल्य वस्तुओं को बेचते थे। 2011 से 2022 तक कपूर और उनके नेटवर्क द्वारा तस्करी की गई।

इनसे 2,500 से अधिक वस्तुओं को बरामद किए गए टुकड़ों का कुल मूल्य 143 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक है। मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सांस्कृतिक वस्तुओं की चोरी, अवैध व्यापार और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध किया था।

पिछले साल, अमेरिका ने भारत को अनुमानित 1.5 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की 248 पुरावस्तुएं लौटाई थीं। डीए के कार्यालय ने 2012 में कपूर के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और नवंबर 2019 में कपूर और उनके सात अन्य को चोरी की पुरावशेषों की तस्करी की साजिश के लिए आरोपित किया गया था।

वीनर से जब्त की गई प्राचीन वस्तुओं में विष्णु, लक्ष्मी और गरुड़ की करीब 11वीं शताब्दी की मूर्ति है। 2022 में इससे पहले 682 पुरावशेष लौटाए हैं, जिनकी कीमत 84 मिलियन अमेरीकी डालर है। एंटीक्विटीज ट्रैफिकिंग यूनिट ने 22 देशों को 160 मिलियन अमेरीकी डालर से अधिक मूल्य की लगभग 2,200 प्राचीन वस्तुएं लौटाई गई हैं।

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