कांग्रेस (Congress)व वामदलों का आरोप, घरों-दुकानों में लगाई जा रही आग!

अगरतला. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में हाल में संपन्न हुए चुनावों के नतीजे भी सामने आ चुके हैं. इन नतीजों के बाद त्रिपुरा में हिंसा की घटना सामने आ रही हैं. इस हिंसा की जांच के लिए विपक्षी दलों की फेक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की गई जोकि शुक्रवार को अगरतला पहुंची थी. वाम दलों और कांग्रेस (Congress) के नेताओं के साथ सांसद और विधायक इस टीम में शामिल किए गए हैं. इस टीम पर त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में हमला हुआ था. रिपोर्ट में पुलिस का हवाला भी दिया गया है.
त्रिपुरा राज्य पुलिस का कहना है कि टीम पर अज्ञात बदमाशों ने हमला किया था. असम के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक फेक्ट फाइडिंग टीम का हिस्सा थे. उन्होंने आरोप लगाया है कि पथराव करने वाले हमलावरों ने दावा किया था कि वो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं. हमलावरों ने 3-4 वाहनों में तोड़फोड़ की थी. इस घटना में पुलिस ने कुछ नहीं किया है. इसके बाद महसूस किया गया कि त्रिपुरा में कानून का कोई शासन नहीं है.
इस हिंसा मामले पर सहायक महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) ज्योतिष्मान दास चौधरी ने बताया कि नेहलचंद्रनगर में हुए हमले में 8 सदस्यीय टीम में से कोई भी घायल नहीं हुआ है. जानकारी दी गई कि आठ सदस्यीय टीम के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बिशालगढ़ के नेहलचंद्रनगर का एक अनिर्धारित दौरा किया था. उनके दौरे के दौरान नारेबाजी की गई और कुछ बदमाशों ने उनके वाहनों पर हमला कर दिया.
पुलिस एस्कॉर्ट टीम ने तुरंत जवाब दिया और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया…किसी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन हमले में 2-3 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर हालात को काबू किया. साथ ही पुलिस टीम अन्य बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया गया है. जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा है- ‘कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल पर आज त्रिपुरा के बिशालगढ़ और मोहनपुर में भाजपा के गुंडों ने हमला किया. प्रतिनिधिमंडल के साथ जा रही पुलिस ने कुछ नहीं किया. और कल वहां बीजेपी की विजय रैली हो रही है. पार्टी जीत-प्रायोजित हिंसा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2 मार्च को आए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा का पता लगाने के लिए वाम दलों व कांग्रेस के विधायक व सांसदों की 3 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था. इसमें असम, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु के वामपंथी और कांग्रेसी सांसद प्रमुख रूप से शामिल किए गए थे. यह सभी टीम त्रिपुरा पहुंची थी. तीन टीम में बंटे सांसदों ने त्रिपुरा के सिपाहीजला, गोमती, पश्चिम त्रिपुरा, खोवाई और धलाई जिलों के विभिन्न हिस्सों का दिन के वक्त दौरा किया था. माकपा ने कहा कि वाम दलों और कांग्रेस की संयुक्त टीम दिन में पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजाला और खोवा के विभिन्न हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है.
माकपा के वरिष्ठ नेता राखाल मजूमदार का कहना है कि एक बार सीपीआई (एम) सांसद ई करीम और कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक और एआईसीसी महासचिव अजोय कुमार का प्रतिनिधिमंडल नेहलचंद्रनगर बाजार में पहुंचा तो उनके खिलाफ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए बदमाशों ने हमला किया. एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है तो दो और कारों में भी तोड़फोड़ की गई.
माकपा नेता का कहना है कि सदस्यों के वहां से तुरंत चले जाने की वजह से वह सभी सुरक्षित हैं. खालेक ने यह भी आरोप लगाया कि नेहलचंद्रनगर में लगभग 20 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. इस सब हालातों का जायजा लेने के लिए टीम पहुंची थी, उस वक्त ही मौके पर यह हमला किया गया था. आगजनी की घटना के बाद टीम मौके पर पहुंची थी और प्रभावित लोगों से बात कर रही थी. यह फेक्ट फाइंडिंग टीम के 12 मार्च तक राज्य में रहने की उम्मीद है. इस सब के बाद ही वह एक रिपोर्ट पेश करेगी और इस मुद्दे को अगले संसद सत्र में उठाया जाएगा, जो 13 मार्च से शुरू हो रहा है. इस बाबत भाकपा सांसद बिनॉय विस्वाम ने गुरुवार को ट्वीट भी किया था.
माकपा ने प्रतिनिधिमंडल पर हमले की निंदा करते हुए सभी उपद्रवियों को तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है. चुनाव के बाद हिंसा के ज्यादातर मामले सिपाहीजाला और खोवाई जिलों से सामने आए हैं. वहीं, इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस से उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
बताते चलें कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार ने दूसरी बार वापसी की है. कुल 60 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन 32 सीटें जीत कर आया है. हालांकि बीजेपी के गठबंधन सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने इस बार सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल की है.
कांग्रेस नेता अजोय कुमार का आरोप है कि त्रिपुरा में अराजकता है. हम लोगों के साथ हैं और उनके लिए लड़ेंगे. यहां तोड़फोड़ की जा रही है, घरों, दुकानों में आग लगाई जा रही है. यह बीजेपी और आरएसएस की संस्कृति है. हम इसे संसद में उठाएंगे और इसका विरोध करेंगे.
कांग्रेस नेता ने ट्वीट के जरिए कहा कि 5 सीपीआई (एम) और 2 कांग्रेस सांसद और मैं त्रिपुरा में चुनाव के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे हैं. त्रिपुरा में जिस तरह विपक्षी दलों को निशाना बनाया जा रहा है, वह बेहद शर्मनाक है. दुकानों और घरों में आग लगाना और लोगों पर हमला करना बेहद चिंता का विषय है.