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हॉस्टल और पीजी के पंखों में (पंखों-मे)लगेंगे अलार्म डिवाइस

कोटा. एजुकेशन सिटी कोटा में बढ़ते सुसाइड के मामलों को लेकर प्रशासन अलर्ट हुआ है और कोचिंग संस्थानों व हॉस्टल एसोशिएसन के साथ बैठक की. इस दौरान सख्त निर्देश दिए गए कि रविवार को कोचिंग स्टूडेंट्स को अवकाश देना होगा, साथ ही हॉस्टल और पीजी में पंखों पर  (पंखों-मे) अलार्म डिवाइस लगाने होंगे. वहीं तनाव मुक्त करने के लिए मोटिवेशनल क्लासेस भी देनी होगी.

जिला कलक्टर ने कहा कि विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए कोचिंग संस्थान, हॉस्टल संगठनों के स्तर पर समन्वित प्रयास करने होंगे. राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सुधारात्मक कदम उठाने होंगे. सभी पक्षों को टीम भावना के साथ काम करते हुए विद्यार्थियों की समस्याओं का समय पर निराकरण करना होगा. उनसे निरन्तर संवाद बनाए रखकर अनुकूल माहौल प्रदान करना होगा. कोचिंग संस्थान हर महीने विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल सेंशन आयोजित करें. रविवार को टेस्ट पेपर के बजाय कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों को गूगल फार्म तैयार कर नियमित रूप से उनके मानसिक अवसाद को कम करने का काम करे.

जिला कलेक्टर ने बताया कि कोचिंग सस्थान और हॉस्टल संगठन फीस की इजी-एक्जिट पॉलिसी की अक्षरशः पालना करना. जिससे विद्यार्थियों एवं अभिभावकों पर किसी तरह का मानसिक दबाव नहीं पड़े. जिला प्रशासन के पास ऑनलाइन पॉर्टल पर अब तक 2 हजार विद्यार्थियों की शिकायतें मिली हैं, जिनका समय पर निराकरण कराया गया है. पुलिस अधीक्षक शहर शरद चौधरी ने कहा कि अभी से विद्यार्थियों में तनाव का आना चिंता का विषय है. जो समस्याएं आ रही हैं उनका समय पर निराकरण किया जाए, ताकि विद्यार्थियों में तनाव नहीं रहे. उन्होंने कहा कि कोचिंग या हॉस्टल के स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आयेगी तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
ये सुझाव आए
विद्यार्थियों के मानसिक तनाव का आकलन करने के लिए मोबाइल ऐप की जानकारी विद्यार्थियों को दी जाए, जिससे कभी भी विद्यार्थी सवाल जवाब के द्वारा स्वयं भी जांच कर सके.
सभी कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाए, उसके परिणाम के आधार पर ही प्रवेश दिया जाए.
विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को कोचिंग में प्रवेश के समय मेडिकल एवं इंजिनियरिंग के अलावा अन्य विकल्पों की जानकारी दी जाए.
हॉस्टलों और पीजी में पंखों को लटकाने के लिए हैगिंग डिवाइस का उपयोग अनिवार्य किया जाए.
हॉस्टल में रहनेवाले विद्यार्थियों से हर दिन मैनेजर, वार्डन जाकर संवाद करें, किसी भी समस्या यो स्वभाव परिवर्तन की सूचना अभिभवकों व पुलिस का दी जाए.
कोचिंग संस्थानों में काउंसलर प्रक्रिया को प्रभावी एवं अनिवार्य किया जाए. बहुमंजिला हॉस्टलों की बालकनी में लोहे की ग्रिल लगाई जाए.

 

 

 

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