बिजली संकट पर अखिलेश यादव का वार: भाजपा सरकार ने जानबूझकर बिजली व्यवस्था बिगाड़ी, अब निजीकरण की ओर बढ़ रही है !

लखनऊ -: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने नौ साल के कार्यकाल में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया, बल्कि जानबूझकर उसे चरमराने दिया ताकि बाद में कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराकर निजीकरण की राह आसान की जा सके।अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने न तो प्रदेश में कोई नया बिजलीघर लगाया और न ही बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जो बिजली प्रदेशवासियों को मिल रही है, वह समाजवादी सरकार के दौरान लगाए गए बिजलीघरों की देन है। इसके बावजूद सरकार झूठे दावों के जरिए अपनी विफलताओं को छिपा रही है।उन्होंने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश बिजली संकट की चपेट में है। शहरों में अघोषित कटौती आम बात हो गई है, जबकि गांवों और छोटे नगरों में तो बिजली आपूर्ति की स्थिति बदतर है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान की रोपाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए पानी की जरूरत होती है, लेकिन बिजली न होने के कारण उनकी खेती प्रभावित हो रही है।सपा प्रमुख ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बार-बार जनता को गुमराह कर रही है और असल समस्या का समाधान करने की बजाय निजीकरण पर ज़ोर दे रही है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम के दौरान ही बिजली कट गई, जिससे स्पष्ट हो गया कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था किस कदर बर्बाद हो चुकी है।अखिलेश यादव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में लाखों लोग रोज़ बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली – हर क्षेत्र में सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा सरकार को सत्ता से हटाकर विकास और जनहित की नई दिशा तय करेगी।उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार जनता की समस्याएं उठाती रही है और आगे भी संघर्ष करती रहेगी, ताकि प्रदेश में एक बार फिर प्रगति और भरोसे का माहौल लौट सके।