काशी में पत्रकारों पर मुकदमा निंदनीय, सरकार को आईना दिखाना बना गुनाह -: अजय राय

लखनऊ -: ( वाराणसी ) -: भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर चढ़े एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो इस संवेदनशील मामले पर सवाल पूछने वाले छह पत्रकारों पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। लंका थाना पुलिस द्वारा अरशद, अभिषेक झा, अभिषेक त्रिपाठी, सोनू सिंह, शैलेश और नितिन कुमार राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद पूरे पत्रकारिता जगत में आक्रोश है। इसी प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि यह मुकदमा न केवल निंदनीय है, बल्कि यह सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है।
अजय राय ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिन्होंने घटना पर सवाल उठाए, उन्हीं पत्रकारों को दोषी बना दिया गया, जबकि मालवीय जी की प्रतिमा का अपमान करने वाले युवक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह स्पष्ट नियम बन चुका है कि जो सच्चाई उजागर करेगा, वही पहले दोषी ठहराया जाएगा। यह सरकार आलोचना से डरती है, और हर उस आवाज को दबाना चाहती है जो उसे आईना दिखाए।कांग्रेस नेता ने कहा कि पत्रकारों की कलम समाज की आवाज और शक्ति का प्रतीक है। यही कलम सच्चाई और न्याय के लिए लड़ती है, लेकिन आज जो आईना दिखाने का काम करता है,
उसे अपराधी बना दिया जा रहा है। सरकार को अब आईना पसंद नहीं, क्योंकि उसके चेहरे पर इतने दाग हैं कि वह खुद को देखना नहीं चाहती।अजय राय ने कहा कि सरकार बड़े से लेकर छोटे तक, हर उस पत्रकार को अपना दुश्मन मानती है जो निष्पक्ष पत्रकारिता करता है। काशी के इन छह पत्रकारों की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने मालवीय जी की प्रतिमा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सवाल उठाया। लेकिन सरकार ने अपने पुराने रवैये के मुताबिक फिर दोषी को बचाया और सवाल करने वालों पर ही कार्रवाई कर दी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़ी है।
सवाल पूछना आपका संवैधानिक अधिकार है और इसे कोई सरकार छीन नहीं सकती। यह तानाशाही ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। कलमकारों पर मुकदमे दर्ज़ कर उनका अपमान करने की यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है, और कांग्रेस इसका हर मंच पर विरोध करेगी।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने साफ कहा कि जब-जब देश संकट में रहा है, पत्रकारों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोकतंत्र की रक्षा की है। ऐसे में मौजूदा सरकार द्वारा पत्रकारों पर मुकदमा करना उसकी कायरता का परिचायक है।उन्होंने प्रशासन से मांग की कि मालवीय जी की प्रतिमा पर चढ़ने वाले दोषी युवक पर सख्त कार्रवाई हो, प्रशासन अपनी जवाबदेही तय करे और पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं।