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डोटासरा (डोटासरा-) और रंधावा को एआईसीसी ने दिया तगड़ा झटका

जयपुर. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से हाल ही में बनाये गये 85 प्रदेश सचिवों की नियुक्ति एआईसीसी ने रोक लगा दी है. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा(डोटासरा-)  ने इसको लेकर मीडिया के सामने इस पर सफाई दी है. डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुहर लगे बगैर सूची जारी हो गई थी. तकनीकी रूप से इसमें हमारी गलती थी. इसलिए एआईसीसी ने इस पर रोक लगाई गई है. डोटासरा ने कहा कि जैसे ही एआईसीसी और राष्ट्रीय अध्यक्ष से सूची का अनुमोदन हो जाएगा उसके बाद सूची जारी हो जायेगी.

डोटासरा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और उन्होंने बिना अध्यक्ष की अनुमति के यह सूची जारी कर दी थी. जानकारों की मानें तो 85 सचिवों की नियुक्ति पूरी तरह से एकपक्षीय थी. इसमें गहलोत और डोटासरा से जुड़े युवा नेताओं का दबदबा था. पायलट कैंप को पूरी तरह से साइडलाइन करने की खबरें आ रही थी. इसकी शिकायत जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची तो इसे एआईसीसी के नियम कायदों का उल्लंघन माना गया.

एआईसीसी की मुहर लगने के बाद ही सूचियां जारी होती आई हैं
आमतौर पर ऐसी सूचियां एआईसीसी की मुहर लगने के बाद ही जारी होती आई हैं. लेकिन जब लंबे अरसे से पीसीसी और डीसीसी की सूचियां दिल्ली से आ ही नहीं रहीं थी तो गोविंद डोटासरा और सुखजिंदर रंधावा ने इसे अपने स्तर पर ही जारी करा दिया. इस पर दोनों को ही अपने कदम वापस खींचने पड़े. गुरुवार देर रात सूचियां रोक दी गई.

नये सचिवों की खुशी हुई काफूर
बरसों से कांग्रेस में काम कर रहे नेताओं को दो सप्ताह पहले जब सचिव बनाया गया तो खूब खुशियां मनाई गईं थी. प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रभारी सुखजिंदर रंधावा का नवनियुक्त सचिवों ने स्वागत भी किया था. पीसीसी में कई दिन तक स्वागत कार्यक्रम हुए. खूब लडडू कचोरी खिलाये गये. लेकिन जैसे ही गुरुवार रात पीसीसी ने नियुक्तियां रोके जाने की खबर आई तो कई युवा नेताओं के होश उड़ गये. कईयों को तो रातभर नींद नहीं आई. उसके बाद शुक्रवार को कुछ नेता इस बाबत पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा से भी मिले.

अब आगे क्या होगा
राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुहर लगने के बाद नई सूची जारी हो सकती है. उसमें कुछ नये नाम जोड़े जा सकते हैं. वहीं जिन नेताओं को काम के बजाय सिफारिश के आधार पर सचिव बनाया गया था उनके नाम कटना तय है. पायलट कैंप से जुड़े कुछ नेताओं के नाम भी शामिल किये जाने की खबर है ताकि चुनावी साल में सियासी संतुलन बना रहे. हालांकि पार्टी आलाकमान के सूत्र बता रहे हैं कि डोटासरा के कामकाज से पार्टी आलाकमान संतुष्ट है और वो ही चुनाव तक अध्यक्ष बने रहेंगे. फिलहाल ये खबरें भी हैं कि पायलट गुट ने पीसीसी चीफ की कुर्सी के लिए अब दावेदारी लगभग छोड़ दी है और भविष्य का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है.

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