राज्यसभा में कृषि विधेयक हंगामा, कांग्रेस ने की माफी की मांग
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की आज 7वां दिन है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर आज संसद की अंतिम मुहर लग सकती है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज राज्यसभा में कृषि से जुड़े विधेयकों को राज्यसभा में पेश कर दिया है। लोकसभा से दोनों बिल पहले ही पास हो चुके हैं। किसानों से जुड़े संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि विपक्ष भी लगातार इन बिलों के खिलाफ है। वहीं, केंद्र सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। 243 संख्या वाले राज्यसभा में ऐसे दलों की सदस्य संख्या 125 के आसपास है जो समर्थन करेंगे। वहीं विपक्ष में खड़ी शिवसेना ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि वह विरोध तो करेगी लेकिन वोट नहीं करेगी।
YSR कांग्रेस का समर्थन
YSRCP राज्यसभा में कृषि विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी। इस बयान पर कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस सासद आनंद शर्मा ने उनसे माफी की मांग की।
बिल पर बहस नहीं करना चाहती सरकार
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है। वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है। बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी। सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से परामर्श नहीं किया।
सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग
किसान बिल पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का विरोध करती है और इसे सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग करती है। आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी। पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती। मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं।
कांग्रेस के विरोध पर भाजपा का जवाब
कांग्रेस की बातों का जवाब देते हुए बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया आगे बढ़ गई है लेकिन कांग्रेस के भाषण आज भी 70 के दशक वाले हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आप जब सत्ता में थे, तब ग्रामीणों की आय कम क्यों थी… आप इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहे हैं? ये बिल किसानों के हित में हैं और उनके जीवन में बदलाव लाने वाला है। इस बिल को इस सदन से भी पास किया जाना चाहिए।
किसानों के लिए डेथ वारंट
राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं हैं।
राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।
कांग्रेस करेगी विधेयक का विरोध
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह साफ है कि इस सरकार का मकसद हमारे किसानों को नष्ट करना और कॉर्पोरेट की मदद करना है। हमारी पार्टी ने कृषि विधेयकों का विरोध करने का निर्णय लिया है। सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा, कम से कम उन्हें इसे सिलेक्ट कमिटी को भेजना चाहिए।
आयुष्मान भारत योजना को लेकर शून्यकाल नोटिस
भारतीय जनता पार्टी की सांसद सरोज पांडे ने छत्तीसगढ़ राज्य में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की मांग को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया, जबकि भारतीय जनता पार्टी के सांसद विवेक ठाकुर ने ‘सभी राज्यों में प्रस्तावित COVID-19 वैक्सीन के समान कार्यान्वयन पर स्पष्टता की आवश्यकता’ को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।
कृषि विधेयक पेश करेगी सरकार
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश करेंगे।
विरोध में वोट देगी टीआरएस
जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के सीएम और टीआरएस के मुखिया के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ यदि वोटिंग की नौबत आई तो उनकी पार्टी के सांसद विरोध में मत देंगे। इस संबंध में उन्होंने अपने सांसदों को निर्देश दे दिया है।