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आखिर आपको क्यों सता( worrying after all) रही है चिंता? 

चिंता: ऐसा कहा जाता है कि ‘चिंता चिता ( worrying after all) समान है’, और ये बात कई तरह से सच भी है. डिप्रेशन कई बीमारियों की जड़ है, इसलिए बेहतर है कि आप जरा भी स्ट्रेस न लें वरना आप खुद को ही नुकसान पहुंचाएंगे. कुछ लोग जरूरत से ज्यादा सोचते (Overthinking) हैं. भारत के मशहूर हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि आखिर एंग्जायटी के पीछे की असल वजह क्या है. हो सकता है कि हमारे शरीर में कुछ हॉर्मोन ऐसे हों जो इस परेशानी को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं. आइए डिटेल से जानते हैं.

अवसाद के 7 बड़े कारण

1. आंत में संक्रमण
अगर आप चिंता या किसी दूसरे मेंटल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, तो इसका कारण आपकी आंत में छिपा हो सकता है. कैंडिडा, SIBO, लीक होने वाली आंत, फूड सेंसिटिविटीज, ये सभी मूड असंतुलन में योगदान कर सकते हैं.

2. थायरॉइड डिसफंक्शन
एक खराब काम करने वाला थायरॉइड चिंता, पैनिक अटैक, अवसाद, नकारात्मक विचार और लो सेल्फ स्टीम को बढ़ा सकता है.

3. एड्रिनल फैटिग
आपके स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए आपके एड्रिनल्स मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, ये आपके टेंशन के लेवल और अपर्याप्त मात्रा में स्ट्रेस हार्मोन (Stress Hormones) का उत्पादन करते हैं.

4. एस्ट्रोजन डोमिनेंस
जब आपके पास अपने एस्ट्रोजन को संतुलित करने के लिए पर्याप्त प्रोजेस्टेरोन नहीं होता है, तो आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, जो स्पेक्ट्रम के एक छोर से दूसरे छोर तक बेतहाशा उतार-चढ़ाव करते हैं.

5. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
ऑटोइम्यूनिटी एक मानसिक समस्या है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लिए इनफ्लेमेश भी जिम्मेदार है और ये हमारे ब्रेन और नर्वस टिश्यू को डेमेज कर सकता है, जिससे मूड इम्बैलेंस होना तय है.

6. कार्डियोवस्कुलर डिजीज
एंग्जायटी डिसऑर्ड उन लोगों को ज्यादा होता है जिन्हें दिल से जुड़ी बीमारियां है, इसमें हार्ट अटैक जैसे लक्षण भी नजर आते हैं.

7. टॉक्सिक मोल्ड प्वाइजनिंग
मोल्ड टॉक्सिसिटी की वजह से कई मानसिक परेशानियां हो सकती हैं, जिसमें एंग्जायटी, डिप्रेशन, ब्रेन फॉल, नींद की कमी. इस स्थिति में कई लोगों को पता भी नहीं होता कि उन्हें ऐसी समस्या है.

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