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आखिर कौंन सुनेगा पृथ्वी की हृदय विदारक चीख पुकार

ब्यूरो रिपोर्ट गुलफाम अली

रात्रि के घने अंधकार को चीरती हुई अन्तर्वेदना की चीख सुनकर अचानक हृदय विदीर्ण होने लगा आखिर किसकी आवाज थी कौन था जो रह रह कर करूण कृंदन किये जा रही थी लेकिन उसकी चीख पुकार सुनने वाला भी तो कोई नहीं था वह कोई और नहीं मानव जीवन के अस्तिव को जिन्दा रखने वाली पृथ्वी की चीख पुकार थी बड़ी बड़ी मशीनों के व्दारा उसका सीना छलनी करने वाला इंसान इतना खुदगर्ज हो सकता यह तो शायद बृम्हाण्ड के जन्मदाता ने कभी सोचा भी ना होगा जिस पृथ्वी पर करोड़ो प्राणी अपने जीवन के अस्तित्व को कायम रख सकते हैं आज उसी का सीना छलनी करने उसी के पुत्र बड़ी बड़ी मशीनों की सहायता निकल पड़े थे जानकारी करने पर पता चला कि उनके पास आदेश था वह भी प्रशासन का लेकिन यह कैसा आदेश जो कि सिर्फ रात्रि में ही पृथ्वी का सीना चीर कर अपने निहित स्वार्थी कार्यों हेतु प्रकृति से खिलवाड़ किया जा रहा था आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला हरिद्वार के करीब ही रावली महदूद की सीमा प्रारंम्भ हो जाती है साथ ही डेसों चौक के पास में वंजर जमीन पर मिट्टी खुदाई का काम परमीशन की आड़ में होता है जिसके चलते रात्रि व दिन में करीब 150 डम्फरों व्दारा मनचाही मिट्टी (सीमा से अधिक) वंजर भूमि से लाकर भरान का काम करते हैं! सवाल यह है कि यदि काम नम्बर वन का है तो सिर्फ रात्रि में ही क्यों ज्यादा होता है व सवाल यह है कि 2000 घनमीटर की परमीशन लेकर कई हजार घन मीटर मिट्टी उठाने का गोरख धंधा वर्षो से चल रहा है कई बार शिकायत करने पर प्रशासन व्दारा कार्यवाही भी की जाती लेकिन बाद में सब कुछ सामान्य हो जाता है आखिर क्यों? इंसान अपने लालच के चक्कर में लगातार धरती को बर्बाद कर रहा है। रोज ही पृथ्वी का सीना छलनी किया जाता है। समुद्र, जमीन और नदियों में गंदगी की जाती है। प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया जाता है। अब तो स्थिति दोहन से आगे बढ़कर बेदर्दी से शोषण तक पहुंच चुकी है। तस्वीरों में जानिए, हमने किस तरह धरती की दशा बिगाड़ दी है…

*खुदाई करने वाली भारी-भरकम मशीनें*

यह मशीन बकेट व्हील एक्सकैवेटर कहलाती है। इनका इस्तेमाल खदानों में होता है। इनमें लगा एक-एक बकेट (खांचा) एक बार में 200 टन मिट्टी-पत्थर खोदकर निकाल सकता है। खदानों में इनके जरिए धरती की ऊपरी परत फटाफट हटाई जाती है, ताकि फिर अधिक गहरे तक खुदाई करके ज्यादा से ज्यादा मिनरल्स निकाले जा सकें। इस व्हीकल में लगी बकेट व्हील 70 फुट व्यास की हो सकती है और उसमें बकेट्स की संख्या 20 तक भी हो सकती है।

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