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मध्यप्रदेश के रीवा शहर पंहुचा अफ्रीकन स्वाइन फीवर

रीवा । असम (african swine fever) व नागालैंड के रास्ते मध्यप्रदेश के रीवा शहर पहुंचे अफ्रीकन स्वाइन फीवर (african swine fever) ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि 8 अगस्त से मृत सूअरों को उठाने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद से लगातार यह सिलसिला चल रहा है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी की माने तो कुठुलिया क्षेत्र में सभी को दफनाया जा रहा है।

दावा है कि सूअर मालिकों को 100 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो वजन के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। सूअर पालकों को रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था भी शासन-प्रशासन स्तर से की जा रही है। आलम है कि वायरस के अटैक से 13 दिनों के अदंर 2200 सूअरों की मौत हो गई है।

एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पशु चिकित्सा विभाग के साथ बैठक कर संक्रमित सूअरों को वैक्सीन लगाकर मारने के आदेश दिए हैं। साथ ही सूअर पालकों को महामारी से निजात और आर्थिक नुकसानी नहीं हो, इसके लिए पशुपालन विभाग ने मुआवजे का ऐलान किया है।पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि शहर में सूअरों की लगातार हो रही मौत के बाद वार्ड क्रमांक-15 से 11 सूअरों के सैंपल 14 अगस्त को कलेक्ट किए गए।

15 अगस्त को सैंपल भोपाल भेजा गए, 16 अगस्त को पहुंचे। 17 और 18 अगस्त तक भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में सैंपल जांचे गए। 19 अगस्त को जानलेवा अफ्रीकन स्वाइन फीवर नाम के वायरस की पुष्टि हुई। गौरतलब है कि यह वायरस असम, नागालैंड, उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश के रीवा में कहर बरपा रहा है।

23 अगस्त को इस वायरस की दस्तक उत्तराखंड में होने की बात सामने आई है। रीवा शहर में 15 हजार के आसपास सूअरों की संख्या है। जिसमें अकेले वार्ड- 15 से जुड़े 14, 25, 26 वार्ड में 8 से 10 हजार सूअर हैं। सूत्रों की माने तो हाल ही के कुछ दिनों में वार्ड-15 में 300 सूअरों को मारने के आदेश दिए गए हैं।

 

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