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अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच सीमा पर जबरदस्त लड़ाई 

रूस-यूक्रेन  (fierce fight) युद्ध और चीन के ताइवान पर हमले की आशंका के बीच एक और बड़े युद्ध का खतरा पैदा हो गया है। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच सीमा पर जबरदस्त लड़ाई (fierce fight) चल रही है। इसी बीच रूस के नेतृत्व वाले सुरक्षा सहयोग संगठन कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन ( CSTO) ने मंगलवार को मास्को में आर्मेनिया के कहने पर इमरजेंसी मीटिंग की है। CSTO नाटो की तरह ही है।

इसके संविधान के तहत एक देश पर हमला सभी देशों पर हमला माना जाता है।सोवियत संघ का हिस्सा रहे दोनों देश दो साल पहले भी नागोर्नो-काराबाख पर कब्जे के लिए जंग लड़ चुके हैं। इसमें अजरबैजान की जीत हुई थी। अभी चल रही लड़ाई नागोर्नो-काराबाख और आर्मेनिया के बीच सीमाई इलाके में हो रही है।

देश के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सरहदी इलाकों में आर्मेनिया ने हाल के दिनों में भारी गोलीबारी की और बारूदी सुरंगे बिछाई हैं। इन हमलों को रोकने में हमारे 50 जवानों की मौत हुई है। इनमें 42 सैनिक और 8 सीमा सुरक्षा बल के जवान हैं।

जवाब में आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अजरबैजान का नागरिकों को निशाना न बनाने का दावा गलत है। हमले के सबूत हैं। आर्मेनिया में अजरबैजान के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए हैं। अगस्त की शुरुआत में भी दोनों देशों के बीच सीमा पर झड़प हुई थी। इसमें दोनों ही देशों ने अपने-अपने सैनिक मारे जाने का दावा किया था। तब से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था। रह-रहकर झड़पें हो रहीं थीं।

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