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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत यूपी को ₹121.91 करोड़ की स्वीकृति !

लखनऊ -:  उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के अंतर्गत राज्य को वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल ₹121.91 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन के खाद्य प्रसंस्करण अनुभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।भारत सरकार से प्रथम किश्त के रूप में ₹100 करोड़ की केंद्रीय सहायता मदर सेक्शन के अंतर्गत अवमुक्त की गई, जिसके सापेक्ष अनुदान संख्या-10 के तहत केंद्रांश ₹50.95 करोड़ तथा राज्यांश ₹33.96 करोड़ सम्मिलित करते हुए कुल ₹84.91 करोड़ की राशि को शेयरेबल कम्पोनेंट के रूप में स्वीकृत किया गया है।

वहीं नॉन शेयरेबल कम्पोनेंट के अंतर्गत ₹37 करोड़ की अतिरिक्त राशि को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इस प्रकार कुल ₹121.91 करोड़ की राशि निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश के निवर्तन पर रखी गई है।यह राशि विभिन्न व्ययों में प्रयुक्त की जाएगी, जिसमें सब्सिडी, व्यावसायिक सेवाएं, प्रशिक्षण, प्रशासनिक व्यय, मशीनरी और उपकरण की व्यवस्था शामिल है। योजना के सुचारु क्रियान्वयन हेतु निदेशक एवं वित्त नियंत्रक को यह दायित्व सौंपा गया है कि समस्त व्यय राज्य एवं भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना और योजना की गाइडलाइन्स के अनुरूप सुनिश्चित किया जाए।

इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में अनुदान संख्या-81 के अंतर्गत ₹2.52 करोड़ तथा अनुदान संख्या-83 के अंतर्गत ₹17.01 करोड़ की धनराशि को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण और व्यय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करते हुए किया जाए और सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करना अनिवार्य होगा।उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को नई ऊर्जा देने के साथ ही छोटे उद्यमियों और इकाइयों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलने वाली मानी जा रही है।

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