सूतक लगने के साथ ही देशभर में मंदिरों के कपाट बंद
नई दिल्ली: वर्ष 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण मंगलवार शाम को लगने जा रहा है। ग्रहण को लेकर कई तरह की धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। धर्मशास्त्र के अनुसार, इस अवधि में किसी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। इस बार का चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही लग रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग समय पर चंद्र ग्रहण लगने वाला है। देश की राजधानी दिल्ली में शाम 5:32 बजे चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी। चंद्र ग्रहण का अंत देर शाम 6:19 बजे होगा। चंद्र ग्रहण के शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल लग गया है। इस अवधि में देशभर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। अब ये मंदिर चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।
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मान्यताओं के मुताबिक, जब कभी ग्रहण (सूर्य या चंद्र) लगने वाला होता है तो सूतक काल का भी जिक्र होता है। ब्रह्माण्ड में भी जब भी इस तरह की कोई घटना होती है तो उसे अशुभ माना जाता है। इस अशुभ अवधि को ही सूतक काल कहा जाता है। चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
इसी के चलते श्री बदरीनाथ मंदिर सहित मां लक्ष्मी मंदिर, माता मूर्ति मंदिर, आदिकेदारेश्वर मंदिर, नृसिंह मंदिर, वासुदेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई सहित अन्य मंदिर सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे।