main slideअंतराष्ट्रीय

‘मालाबार एक्सरसाइज’ जिससे चिढ़ता है चीन !

युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना  के अलावा जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स , रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी  और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी  हिस्सा ले रही हैं. दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन की आक्रमकता के बीच भारत आज मंगलवार से मालाबार युद्धाभ्यास  में हिस्सा ले रहा है. ये युद्धाभ्यास अगले दस दिनों तक चलेगा. इसमें भारतीय नौसेना  के अलावा जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स , रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी  और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी   हिस्सा ले रही हैं. खासा बात है कि युद्धाभ्यास में शामिल चारों देश क्वाड  का भी हिस्सा हैं.

युद्धाभ्यास में एडवांस युद्धपोतों की तैनाती

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्धाभ्यास में चारों देशों के एडवांस युद्धपोतों को तैनात किया जाएगा. भारत भी अपने दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और आईएनएस कमोर्ता को तैनात करेगा. शिवालिक मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है जबकि आईएनएस कमोर्ता पनडुब्बी रोधी पोत है और दोनों पोत भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम स्थिति पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं. इसके अलावा टोही विमान भी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. खास बात है कि युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने के बाद से चीन खासा चिढ़ा हुआ है. अबकी बार एडवांस हथियारों के युद्धाभ्यास में शामिल होने से चीन की परेशानी जरूर बढ़ जाएगी.

malabar naval exercise
                                                                 malabar naval exercise

कब हुई मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत

मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 1992 में हुई और इसमें भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया. इसके बाद साल 1995 और 1996 में युद्धाभ्यास किया गया है. 2015 में जापान इस युद्धाभ्यास में शामिल हुआ और बाद में 2020 में आस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गया.

क्या है मालाबार

मालाबार युद्धाभ्यास दरअसल एक बहुपक्षीय वॉर-गेम नौसैनिक अभ्यास है. इसे सबसे पहले साल 1992 में शुरू किया गया. शुरूआत में सिर्फ भारत और अमेरिकी नौसेनाओं के बीच अभ्यास शुरू हुआ. बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी इसमें शामिल हुए. इस जटिल सैन्य अभ्यास ने समुद्री सुरक्षा अभियानों को शुरू करने में नौसेनाओं के बीच तालमेल और आपसी समझ को और बढ़ाया है.

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button