पाकिस्तान के रेंजर के कानों तक सुनाई दे रही सटीक निशानों की गूंज
जैसलमेर। महामारी (echo of marks) के कारण 2 साल के बाद हो रही प्रतियोगिता का उद्घाटन BSF आईजी डेविड लालरिनसांगा (echo of marks) ने किया। 11 फ्रंटियर के आए 700 से भी ज्यादा अधिकारियों और जवानों को बताया कि किसी भी बल में सपोर्ट वेपन की बहुत अहमियत होती है। 4 दिन चलने वाले प्रतियोगिता में 81 एमएम मोर्टार और 7.62 एमएम मीडियम मशीन गन के मुकाबले आयोजित किए जा रहे है।
प्रतियोगिता में बीएसएफ के 11 फ्रंटियर की टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिसमें बीएसएफ के लगभग 700 अधिकारी और जवान शामिल है। मौके पर DIG नॉर्थ सेक्टर असीम व्यास, कमांडेंट लोकेश कुमार, कमांडेंट संजय चौहान समेत BSF के कई अधिकारी मौजूद रहे। 1971 के भारत-पाक युद्ध में BSF के शौर्य की गाथा पूरा देश जानता है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी टीमें अपने सटीक निशाने बाजी, युद्ध कौशल और दक्षता से अपने फ्रंटियर तथा बल का नाम ऊंचा करेंगे।