ESR ने रिकार्ड की अंतरिक्ष में खौफनाक आवाजें
नई दिल्ली – हम भले ही ये मानते हों कि अंतरिक्ष की गहराइयों में अंधेरे के अलावा कुछ नहीं है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। पिछले दिनों यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरअ ने अंतरिक्ष में कुछ अजीब सी आवाजें रिकार्ड की है। ईएसए ने इस आडियो को जारी भी किया है जो करीब 10 सैकेंड का है। इसमें सुनाई दी जाने वाली ऐसी हैं जैसे सड़क पर बाइक से चलते समय रिकार्डिंग साउंड आती है।
ईएसए ने बताया है कि ये अजीब सी आवाजें दरअसल, धरती की मैग्नेटिक फील्ड की हैं। दरअसल, हमारी पृथ्वी के चारों तरफ एक मैग्नेटिक फील्ड है। ये मैग्नेटिक फील्ड कई तरह से धरती का रक्षा कवच भी है। ये कवच धरती पर आने वाली सूर्य की घातक किरणों से और ब्रह्मांडीय कणों के रेडिएशन से भी बचाता है। धरती के लिए बेहद घातक सोलर विंड से भी ये हमारी रक्षा करता है।
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संकेतों को कन्वर्ट कर सामने आया रिजल्ट
ईएसए का कहना है कि डेनमार्क की टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चुंबकीय संकेतों को ध्वनि संकेतों में कन्वर्ट किया है। इस वजह से ये आवाजें इतनी अजीब सी लग रही हैं। आपको बता दें कि धरती के चारों तरफ मौजूद इस मैग्नेटिक फील्ड को देखा नहीं जा सकता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां से आने वाले सिग्नल्स को वैज्ञानिकों को ध्वनि संकेतों में बदला है।
कई सोर्स का किया गया इस्तेमााल
डेनमार्क के संगीतकार और प्रोजेक्ट सपोर्टर क्लॉस नीलसन ने इस बारे बताया है कि टीम ने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के समूह सैटेलाइट डेटा के साथ-साथ कई दूसरे सोर्स का भी इस्तेमाल किया है।
इसके अलावा इसके कोर क्षेत्र के ध्वनि प्रतिरूप का कुशलतापूर्व प्रयोग किया गया है। इसको कंट्रोल करने के लिए वैज्ञानिकों ने चुंबकीय संकेतों का उपयोग किया है।
मैग्नेटिक फील्ड का एहसास
एरअ का ये भी कहना है कि इस तरह से उसने विश्व को एक न दिखाई देने वाली मैग्नेटिक फील्ड का एहसास करवाया है। ईएसए के इस प्रयोग के बाद सुनाई दे रही आवाजें भले ही डरावनी लगें लेकिन ये इसकी एक सच्चाई को बयां कर रही हैं। एक हकीकत ये भी है कि धरती पर जीवन की एक बड़ी वजह ये मैग्नेटिक फील्ड भी है। नीलसन का कहना है
कि इसके लिए टीम ने कोपेनहेगन में सोल्बजर्ग स्क्वायर में जमीन में डाले गए 30 से ज्यादा लाउडस्पीकरों से युक्त एक बहुत ही रोचक साउंड सिस्टम बनाया है। टीम ने इसके जरिए ये जानने की कोशिश की है कि आखिर बीते एक लाख वर्षों में इस फील्ड में किस तरह का बदलाव आया है।