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गिलगित और बाल्टिस्तान जैसे अपने शेष हिस्सों तक पहुंचेंगे

श्रीनगर. एलओसी पर स्थिति के बारे में बताते हुए चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला ने कहा कि बहुत सारे पैरामीटर ‘सामान्य स्थिति’ के संकेत दे रहे हैं. इसके साथ ही चुनौती के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि चुनौती आज संघर्ष विराम को बनाए रखना है. औजला ने कहा कि हम इस संघर्ष विराम और सामान्य स्थिति के चरण को बनाए रखने में सक्षम हैं जिसे हम दैनिक आधार पर देख रहे हैं.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit and Baltistan) से जुड़े हालिया बयान पर उन्होंने कहा ‘भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है और हम सरकार के आदेश पर किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं.’

गौरतलब है कि श्रीनगर में शौर्य दिवस कार्यक्रम पर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमने अभी उत्तर की ओर चलना शुरू किया है. हमारी यात्रा तभी पूरी होगी जब हम 22 फरवरी, 1949 को भारतीय संसद में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को लागू करेंगे और उसके अनुसार गिलगित और बाल्टिस्तान जैसे अपने शेष हिस्सों तक पहुंचेंगे.

रक्षा मंत्री के बयान और कश्मीर और सीमा की वर्तमान स्थिति पर, चिनार पुलिस के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), एडीएस औजला ने हाल ही में श्रीनगर में 15 कोर मुख्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत की. जनरल औजला ने कहा कि केंद्र सरकार जब भी ऐसा फैसला करेगी और हमारे पास आदेश आएंगे तो ऐसे में हम पूरी तरह तैयार हैं. हम अपनी पारंपरिक ताकत के अलावा खुद को आधुनिक रूप से भी मजबूत कर रहे हैं, ताकि ऐसी स्थिति में हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़े.

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारतीय सेना की क्षमता और योग्यता में वृद्धि हुई है. हमारी तैयारी बहुत अच्छे स्तर पर है और जब भी इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता होगी, आप बहुत अलग प्रभाव देखेंगे. मौजूदा हालात के बारे में बात करते हुए जनरल औजला ने कहा कि अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन जब भी मौका मिलता है सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश होती है. लेकिन भारतीय सेना हमारी सीमा की रक्षा के लिए पूरी ताकत से तैयार है.

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