भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं. शाह फैसल(shah faesal)
नई दिल्ली. ट्विटर पर चले रहे मुस्लिम पीएम की मांग की ट्रेंड के बीच कश्मीरी आईएएस शाह फैसल (shah faesal) का ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है. शाह फैसल ने अपने ट्वीट के जरिये इस्लामिल देशों पर निशाना साधा है. साथ ही भारत की लोकतांत्रिक खूबसूरती की भी जमकर तारीफ की है. शाह फैसल ने लगातार चार ट्वीट किये हैं. इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘यह सिर्फ इंडिया में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा इंडियन सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप कर सकता है. सरकार के टॉप विभागों तक पहुंच सकता है. सरकार के खिलाफ जा सकता है. फिर वही सरकार उसे बचाती है और अपनाती है.
इसके अलावा आईएएस शाह फैसल ने ट्वीट कर लिखा, ‘ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना हमारे पड़ोसियों को जरूर चौंका सकती है, जहां का संविधान गैर-मुसलमानों को सरकार के मुख्य विभागों तक पहुंचने से रोकता है. लेकिन भारतीय संविधान ने जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया है. भारतीय मुसलमान बराबर के नागरिक के तौर पर इतनी आजादी के साथ जीते हैं, जिसके बारे में इस्लामिक देश सोच भी नहीं सकते.
इसके अलावा आईएएस शाह फैसल ने कहा कि मेरी खुद की जिंदगी भी एक सफर की तरह है, मैं 130 करोड़ देशवासियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चला. यहां मैंने अपनापन, सम्मान, प्रोत्साहन और कभी-कभी हर मोड़ पर प्यार को महसूस किया है. यह इंडिया है. इसके अलावा शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा कि मौलाना आजाद से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा से सबके लिए समान अवसरों वाला देश रहा है. अब भी शीर्ष तक पहुंचने के रास्ते सबके लिए खुले हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि मैंने खुद सबकुछ शिखर से देखा है.
वहीं आईएएस शाह फैसल के ट्वीट को शेयर करते हुए कई लोगों ने उनकी तारीफ की है. एक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि इसे जरूर पढ़ना चाहिए.. क्या स्टोरी है.. हमेशा चमकते रहिए.. वहीं एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि दिलचस्प थ्रेड.