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इमरान ने बांग्लादेश बनने की दिलाई याद, कहा- माफिया वही गलती दोहरा रहे हैं

इमरान खान ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के लिए एक रिकॉर्डेड पैगाम जारी किया। एक बार फिर मुख्य निर्वाचन आयुक्त की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे एक साजिश का हिस्सा हैं। वे माफिया का हिस्सा हैं। तोशाखाना मामले में पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर-पार की लड़ाई की मूड बना लिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान पर चुनाव लड़ने पर रोक का एलान शुक्रवार को पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने किया। आयोग की इस घोषणा के तुरंत बाद देश भर में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतर आए। लेकिन देर रात इमरान खान ने उन्हें निर्देश दिया कि वे अपना विरोध तुरंत रोक दें और इस्लामाबाद कूच करने की तैयारी करें।

इमरान खान के समर्थक पहले से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे हैं। हाल में शहबाज शरीफ सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री को कानूनी दावंपेच में उलझाने के लिए जिस पैमाने पर कदम उठाए हैं, उससे पीटीआई समर्थकों में ये राय बनी है कि वर्तमान सरकार किसी भी हद तक जाकर इमरान खान को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है।

इमरान खान मुख्य निर्वाचन आयोग आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को शहबाज शरीफ परिवार का घरेलू नौकर कहते रहे हैं। इमरान खान ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के लिए एक रिकॉर्डेड पैगाम जारी किया। एक बार फिर मुख्य निर्वाचन आयुक्त की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे एक साजिश का हिस्सा हैं। वे माफिया का हिस्सा हैं।

इस सिलसिले में उन्होंने ह्यपूर्वी पाकिस्तान का भी जिक्र किया, जहां के निर्वाचित और लोकप्रिय नेता शेख मुजीबुर रहमान को सत्ता से बाहर रखने की साजिशों के कारण 1971 में पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था और बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।। खान ने कहा कि अब माफिया देश की सबसे बड़ी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। वे वही (पूर्वी पाकिस्तान से संबंधित) गलती फिर दोहरा रहे हैं।

खान ने कहा है कि अब इस्लामाबाद कूच की तारीख का एलान किसी भी समय कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि माफिया देश को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मैं सारा जीवन इन माफिया के खिलाफ संघर्ष में लगाऊंगा। मुख्य चुनाव आयुक्त भी इन चोरों का ही हिस्सा हैं। खान ने कहा कि प्रस्तावित इस्लामाबाद मार्च देश के इतिहास का सबसे लंबा कूच होगा और ये इसी महीने शुरू होगा। तोशाखाना मामले में इमरान खान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने उपहार मिली महंगी घड़ियां देश के कानून के मुताबिक सरकारी खजाने में जमा नहीं कराईं। जबकि इमरान खान का कहना है कि वे घड़ियां उन्हें बतौर प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि निजी रूप से उनके प्रशंसकों ने भेंट की थीं।

चुनाव आयोग का फैसला घोषित होते ही देश के बड़े शहरों में सड़कों पर अफरा-तफरी का नजारा बन गया। वहां इमरान खान के हजारों समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए। इस बीच प्रशासन ने इस्लामाबाद पहुंचने वाले तीन प्रमुख रास्तों को बंद कर दिया। इससे उन रास्तों पर लंबा जाम लग गया और लोग घंटों तक फंसे रहे। इस्लामाबाद में इमरान समर्थकों पर पुलिस ने आसूं गैस के गोले भी छोड़े। उधर लाहौर में एक बड़ी रैली निकाली गई।

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